
Shani Gochar 2026 5 Rashiyon Ki Kismat वर्ष 2026 में शनि देव का गोचर सभी राशियों के लिए परिवर्तनकारी सिद्ध होगा। यह वर्ष शनि की तीन महत्वपूर्ण अवस्थाओं — अस्त, उदय और वक्री गति — का साक्षी बनेगा। शनि को कर्म और न्याय का देवता कहा गया है। वे व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुरूप ही फल देते हैं।
शनि गोचर 2026 की प्रमुख तिथियाँ
- शनि अस्त: 7 मार्च से 13 अप्रैल 2026 तक
- शनि उदय: 14 अप्रैल 2026
- शनि वक्री (Retrograde): 27 जुलाई से 11 दिसंबर 2026 तक
- शनि मार्गी (Direct): 12 दिसंबर 2026 से
इन अवधियों में जातकों के कर्म, निर्णय और जिम्मेदारियों की परीक्षा होगी। जैसा कि फलदीपिका ग्रंथ में उल्लेख है —
“शनि दण्डकरो नित्यं दोषयुक्तस्य मानवः।”
अर्थात — शनि केवल उन लोगों को दंड देते हैं जो अनुशासनहीन या गलत कर्म करने वाले होते हैं।
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या 2026 में
2026 में जब शनि कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेंगे, तब उनकी साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव पाँच राशियों पर विशेष रूप से दिखाई देगा। इनमें मेष, मीन, कुंभ, धनु और सिंह राशियाँ प्रमुख हैं। ये राशियाँ या तो साढ़ेसाती की शुरुआत, मध्य या अंतिम अवस्था से गुजरेंगी, या फिर ढैय्या के प्रभाव में रहेंगी।Shani Gochar 2026 5 Rashiyon Ki Kismat
- मेष राशि – साढ़ेसाती का प्रथम चरण
- मीन राशि – साढ़ेसाती का दूसरा चरण
- कुंभ राशि – साढ़ेसाती का तीसरा (अंतिम) चरण
- धनु राशि – ढैय्या (चौथी)
- सिंह राशि – कंटक ढैय्या
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मेष राशि – साढ़ेसाती का प्रथम चरण
2026 का साल मेष राशि वालों के लिए कर्म की परीक्षा लेकर आएगा क्योंकि इसी वर्ष से उन पर साढ़ेसाती का प्रथम चरण आरंभ होगा। इस दौरान जीवन में कई बदलाव दिखाई देंगे। कार्यक्षेत्र में आपको मेहनत अधिक करनी पड़ेगी लेकिन उसका परिणाम उतना तेज़ नहीं मिलेगा। फिर भी यह समय आपको धैर्य और अनुशासन सिखाएगा।
कई बार ऐसा लगेगा कि आपके प्रयास व्यर्थ जा रहे हैं, लेकिन यही समय आपकी कर्मशक्ति को मजबूत बनाएगा।घर-परिवार में कुछ मतभेद या जिम्मेदारियाँ बढ़ सकती हैं। आर्थिक रूप से खर्चों में वृद्धि संभव है, परंतु निवेश या दीर्घकालिक योजनाएँ भविष्य में लाभदायक सिद्ध होंगी। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी सावधानी आवश्यक रहेगी। यह समय किसी बड़े बदलाव की नींव रखने के लिए उपयुक्त है।
उपाय: शनिवार के दिन काले तिल, लोहे की वस्तु या सरसों का तेल दान करें। शनि मंत्र — “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का नियमित जप करें और पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएँ। इससे मन स्थिर रहेगा और शनि का सकारात्मक प्रभाव बढ़ेगा।Shani Gochar 2026 5 Rashiyon Ki Kismat
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मीन राशि – साढ़ेसाती का दूसरा चरण
मीन राशि के जातकों के लिए शनि का यह गोचर साढ़ेसाती के दूसरे चरण का रहेगा। यह समय मनोवैज्ञानिक रूप से थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहेगा। आपको अपने काम, रिश्तों और निर्णयों में गहराई से सोचने की आवश्यकता होगी। करियर में अचानक परिवर्तन या स्थानांतरण संभव है, जो प्रारंभ में कठिन लग सकता है परंतु आगे चलकर लाभ देगा।शनि की दृष्टि आपके कर्मभाव पर पड़ने से मेहनत अधिक और फल विलंब से मिलेगा, लेकिन आपकी प्रतिबद्धता और ईमानदारी आपको आगे ले जाएगी।
कुछ जातकों को अपने स्वास्थ्य, विशेषकर नींद और जोड़ों से संबंधित तकलीफ हो सकती है, इसलिए योग और ध्यान को दिनचर्या में शामिल करें।धन संबंधी स्थिति अस्थिर रहेगी, इसलिए निवेश सोच-समझकर करें। परिवार से सहयोग धीरे-धीरे बढ़ेगा। यह समय आत्मविश्वास और संयम का अभ्यास करवाएगा।
उपाय: शनिवार को शनि मंदिर में तिल का तेल अर्पित करें, शनि स्तोत्र (दशरथ कृत) का पाठ करें और नीले-काले वस्त्रों से परहेज़ करें।Shani Gochar 2026 5 Rashiyon Ki Kismat
कुंभ राशि – साढ़ेसाती का अंतिम चरण
कुंभ राशि वालों के लिए यह वर्ष साढ़ेसाती का अंतिम चरण लेकर आएगा। यह चरण जीवन की पुरानी चुनौतियों के अंत और नई स्थिरता की शुरुआत का संकेत है। अब तक के अनुभव और कठिनाइयाँ आपको मानसिक रूप से मजबूत बना चुकी होंगी।कामकाज में धीरे-धीरे स्थिरता लौटेगी, जो जातकों को नई ऊर्जा और आत्मविश्वास देगी।Shani Gochar 2026 5 Rashiyon Ki Kismat
लंबे समय से रुके कार्य पूरे होंगे, और जो जातक नौकरी या व्यवसाय में परिवर्तन चाहते थे, उन्हें अवसर मिल सकते हैं।सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और परिवार के साथ सामंजस्य बेहतर बनेगा।धन के क्षेत्र में सुधार होगा, हालांकि अभी भी बचत पर ध्यान देना आवश्यक है। यह समय आपके जीवन में न्याय और परिणाम का है — शनि अब आपके पुराने कर्मों का प्रतिफल देना प्रारंभ करेंगे।
उपाय: शनिवार को गरीबों को तिल-गुड़ का दान करें, शनि मंदिर में दीपदान करें और शनि देव को नीले फूल अर्पित करें।Shani Gochar 2026 5 Rashiyon Ki Kismat
धनु राशि – ढैय्या का प्रभाव
धनु राशि के जातकों के लिए 2026 में शनि की ढैय्या शुरू होगी। यह अवधि आत्मविश्लेषण और मानसिक परिपक्वता की होगी। इस दौरान आपको अपने कार्यों और निर्णयों पर पुनर्विचार करने का अवसर मिलेगा। यदि आप आत्मविश्वास के साथ मेहनत करेंगे तो यह समय आपके पक्ष में भी जा सकता है।व्यवसायिक क्षेत्र में थोड़ी देरी या रुकावटें संभव हैं, लेकिन मेहनत के बाद सफलता मिलेगी।
पारिवारिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव और गलतफहमियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, जिन्हें धैर्य से संभालना होगा। यात्राएँ अधिक होंगी — कुछ लाभकारी तो कुछ थकाऊ भी।Shani Gochar 2026 5 Rashiyon Ki Kismatयह समय आपके जीवन में जिम्मेदारी और संयम का सबक सिखाएगा। स्वास्थ्य में थोड़ी गिरावट आ सकती है, विशेषकर कमर या घुटनों से संबंधित समस्याएँ।
उपाय: प्रत्येक शनिवार को सरसों का तेल शनि देव को अर्पित करें, हनुमान चालीसा का पाठ करें और जरूरतमंदों को काली उड़द का दान करें।
सिंह राशि – कंटक ढैय्या
सिंह राशि के जातकों पर शनि की कंटक ढैय्या का प्रभाव रहेगा। यह समय आत्मसंयम और मानसिक दृढ़ता की परीक्षा लेगा। कार्यक्षेत्र में मेहनत अधिक और परिणाम अपेक्षाकृत कम मिल सकता है, जिससे निराशा हो सकती है, लेकिन यह समय आपके भीतर की शक्ति को जगाने वाला होगा।आपको अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए, विशेषकर हृदय और तनाव से जुड़ी समस्याओं पर।
परिवार के बुजुर्ग सदस्यों का स्वास्थ्य चिंता का कारण बन सकता है। आर्थिक दृष्टि से यह समय मध्यम रहेगा, इसलिए खर्चों में संतुलन आवश्यक है।यदि आप इस समय को शांत मन से बिताते हैं, तो शनि का यह प्रभाव आपको जीवन में अधिक परिपक्व बनाएगा और आने वाले वर्षों के लिए मजबूत आधार देगा।
उपाय: शनिवार को तेल का छाया दान करें, शनि देव को नीले फूल चढ़ाएँ और जरूरतमंद बच्चों को लोहे के बर्तन दान करें।Shani Gochar 2026 5 Rashiyon Ki Kismat
सभी राशियों के लिए शनि के सामान्य उपाय
शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए सबसे बड़ा उपाय है — कर्म में निष्ठा और सत्यता। इसके अतिरिक्त शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाना, शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जप करना, और हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभदायक है। शनि अमावस्या या शनि जयंती पर तिल, तेल और काले वस्त्र का दान करने से भी शुभ फल मिलते हैं।Shani Gochar 2026 5 Rashiyon Ki Kismat
FAQ – शनि गोचर 2026 से जुड़े सामान्य प्रश्न
प्र.1. शनि गोचर 2026 में कब होगा?
शनि देव 2026 में कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करेंगे।
प्र.2. किन राशियों पर साढ़ेसाती रहेगी?
मेष, मीन और कुंभ राशियों पर साढ़ेसाती रहेगी।
प्र.3. ढैय्या किन राशियों पर रहेगी?
धनु और सिंह राशियों पर शनि की ढैय्या प्रभावी रहेगी।
प्र.4. शनि वक्री कब होंगे?
27 जुलाई से 11 दिसंबर 2026 तक।
प्र.5. शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय क्या हैं?
शनिवार को शनि मंत्र जप करें, तेल और तिल का दान करें, और हनुमान चालीसा का पाठ करें।Shani Gochar 2026 5 Rashiyon Ki Kismat
Disclaimer
यह लेख वैदिक ज्योतिषीय गणनाओं और परंपरागत मान्यताओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल जानकारी और जागरूकता प्रदान करना है। जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय विशेषज्ञ की सलाह से ही लें।Shani Gochar 2026 5 Rashiyon Ki Kismat
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