
Grah Shanti Puja Upaya ग्रह शांति पाठ वह वैदिक अनुष्ठान है जो व्यक्ति के जन्म कुंडली में उपस्थित अशुभ ग्रहों, दोषों और पीड़ाओं को शांत करने के लिए किया जाता है। वेद, पुराण और ब्रह्मांडीय ज्योतिष विज्ञान के अनुसार ग्रहों की गति मनुष्य के जीवन, मन, विचार और कर्मों पर गहरा प्रभाव डालती है। ऋग्वेद में वर्णित ‘नवग्रह सूक्त’ से लेकर ‘विष्णु पुराण’, ‘स्कंद पुराण’ और ‘बृहद संहिता’ तक, सभी ग्रंथ ग्रहों को देवतुल्य शक्तियां बताते हैं जो मनुष्य के भाग्य का संचालन करती हैं।
यदि कोई ग्रह जन्म पत्रिका में अशुभ स्थिति में हो, वक्री हो, अति-दुर्बल हो या किसी पाप ग्रह की युति में आ गया हो, तो व्यक्ति के जीवन में बाधाएँ, रोग, मानसिक तनाव, आर्थिक हानि, विवाद, दुर्घटना, संतान संबंधी दिक्कतें और बिजनेस में रुकावटें आ सकती हैं। ऐसे में ग्रह शांति पाठ इन शक्तियों को संतुलित कर जीवन में सकारात्मकता और सौभाग्य लाता है। यह पाठ केवल पूजा नहीं, बल्कि ऊर्जा को पुनः व्यवस्थित करने का माध्यम है।
READ ALSO :

ऐसी 5 राशियाँ जिनके पुरुष होते हैं भाग्यशाली | जानें विशेषताएँ, मंत्र, पूजा और सफलता के राज़:Lucky Rashi Men
2. ग्रह शांति पाठ का महत्व – वेद और पुराणों के अनुसार प्रभाव
वेदों में ग्रहों को ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतिनिधि माना गया है। ऋग्वेद के 161वें सूक्त में नवग्रहों की स्तुति की गई है, जिसमें सूर्य को आत्मा, चंद्रमा को मन, मंगल को तेज, बुध को बुद्धि, बृहस्पति को गुरु, शुक्र को सौंदर्य और शनि को कर्मफलदाता बताया गया है। वहीं ‘स्कंद पुराण’ के ‘दैवकार्य विभाग’ में स्पष्ट रूप से उल्लेख मिलता है कि यदि ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल हो जाए, तो शांति पाठ करने से उनके प्रभाव नरम पड़ते हैं।Grah Shanti Puja Upaya
इसी प्रकार ‘बृहद संहिता’ में वराहमिहिर ने बताया है कि ग्रहों की क्रूर दृष्टि जब किसी के जीवन पर पड़ती है, तो वह व्यक्ति भय, रोग और अशुभ घटनाओं से घिरने लगता है। ऐसा समय आने पर ग्रह शांति पाठ ब्रह्मांडीय ऊर्जा को पुनः सकारात्मक दिशा में मोड़ देता है। यह पाठ मन, शरीर और घर के वातावरण को समान रूप से शुद्ध करता है, जिससे जीवन में सौभाग्य, शांति और सफलता बढ़ने लगती है।Grah Shanti Puja Upaya
3. घर में ग्रह शांति पाठ करने के लाभ
घर में ग्रह शांति पाठ करने से न केवल ग्रहों के दोष कमजोर होते हैं, बल्कि यह व्यक्ति के मानसिक और आध्यात्मिक स्तर को भी ऊँचा उठाता है। प्राचीन ग्रंथों में बताया गया है कि ग्रह शांति से न सिर्फ कर्मजनित पीड़ाएँ कम होती हैं, बल्कि भविष्य में आने वाली बड़ी विपत्तियाँ भी टल जाती हैं। जब व्यक्ति नियमित रूप से ग्रह मंत्रों का जाप करता है, तो उसके भीतर की नकारात्मक ऊर्जा धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता जाता है।
इससे मन शांत रहता है, निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है, परिवार में सौहार्द आता है और धन-संबंधी अवरोधों में कमी आती है। ग्रह शांति पाठ का प्रभाव विशेष रूप से उन लोगों पर अधिक दिखाई देता है जिनकी कुंडली में शनि, राहु, मंगल या बुध से संबंधित दोष अधिक हों। ऐसा माना जाता है कि शांति पाठ से व्यक्ति को अदृश्य दिव्य संरक्षण मिलता है जो कठिन समय में सहारा बनता है।Grah Shanti Puja Upaya
4. ग्रह शांति पाठ करने का सही समय — ज्योतिष के अनुसार
ज्योतिष शास्त्र ग्रह शांति पाठ के लिए विशिष्ट समय और मुहूर्त बताता है। प्राचीन ‘मुहूर्त चंद्रिका’ और ‘कालामृत ग्रंथ’ के अनुसार, ग्रह शांति के लिए सर्वश्रेष्ठ समय वह होता है जब चंद्रमा शुभ नक्षत्रों जैसे रोहिणी, हस्त, श्रवण या मृगशिरा में हो। इसके अलावा अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति, ग्रहण के बाद तथा शनिवार, गुरुवार और बुधवार का दिन विशेष शुभ माना गया है। नवग्रह शांति पाठ के लिए पंचांग देखकर शुभ चतुर्थी, नवमी, त्रयोदशी या पंचमी तिथियाँ अत्यंत उत्तम मानी गई हैं।
यदि कोई व्यक्ति अपनी जन्मपत्रिका के ग्रह दोषों के अनुसार ग्रह शांति करना चाहता है, तो उसके अनुकूल ग्रह की होरा में पाठ करने से कई गुना अधिक फल मिलता है। उदाहरण के लिए शनि शांति शनिवार की संध्या में, मंगल शांति मंगलवार की सुबह, और गुरु शांति गुरुवार के ब्रह्ममुहूर्त में श्रेष्ठ मानी गई है।Grah Shanti Puja Upaya
READ ALSO :

Lal Kitab Ke Totke Upay:लाल किताब के टोटके और उपाय: प्रेम, विवाह, नौकरी, व्यवसाय और स्वास्थ्य के लिए अचूक नुस्खे
5. ग्रह शांति पाठ की तैयारी — पूजा वेदी और ग्रह चित्र
ग्रह शांति पाठ की सफलता के लिए पूजा वेदी का शुद्ध और पवित्र होना अत्यंत आवश्यक है। प्राचीन ग्रंथ ‘वास्तु शास्त्र दर्शन’ में कहा गया है कि पूजा स्थल घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में होना चाहिए, क्योंकि यह दिशा देवताओं का निवास स्थान मानी जाती है। पूजा वेदी को लाल या पीले स्वच्छ कपड़े से ढककर उस पर नवग्रहों के चित्र या यंत्र स्थापित किए जाते हैं।
सूर्य के लिए लाल, चंद्र के लिए सफेद, मंगल के लिए सिंदूरी, बुध के लिए हरा, बृहस्पति के लिए पीला, शुक्र के लिए चमकीला सफेद, और शनि के लिए काला या नीला चित्र उपयुक्त माना गया है। ग्रहों के चित्रों के नीचे रोली, अक्षत, दीपक, धूप, तांबे का कलश और स्वच्छ जल रखा जाता है। वेदी के पास बैठने के लिए कुशासन या आसन का उपयोग करने से पाठ का प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।Grah Shanti Puja Upaya
6. ग्रह शांति पाठ विधि — चरणबद्ध विवरण
ग्रह शांति पाठ शुरू करने से पहले साधक को स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। वेदी के सामने बैठकर सबसे पहले हाथ जोड़कर नवग्रहों का ध्यान किया जाता है। इसके बाद दीपक प्रज्वलित कर गंगाजल का छिड़काव करते हुए वेदी और कमरे को शुद्ध किया जाता है। साधक अपने ईष्ट देव का स्मरण करके संकल्प लेता है कि वह फलां ग्रहों के दोषों को शांत करने हेतु यह पाठ कर रहा है। फिर क्रमशः सूर्य से लेकर केतु तक सभी ग्रहों के मंत्रों का जाप किया जाता है।Grah Shanti Puja Upaya
प्रत्येक ग्रह के मंत्र का न्यूनतम 108 बार और विशेष परिस्थिति में 1,008 बार जाप किया जाता है। मंत्र जाप के बाद नवग्रह स्तोत्र, नवग्रह कवच और नवग्रह सूक्त का पाठ किया जाता है। अंत में कर्पूर आरती करके मिठाई या दूध से नैवेद्य अर्पित किया जाता है और ग्रहों से क्षमा प्रार्थना की जाती है। पूरा पाठ लगभग 35 से 45 मिनट में पूर्ण हो जाता है।Grah Shanti Puja Upaya
7. ग्रह-ग्रह के अनुसार शांति मंत्र – वेद और पुराणों से प्रमाण
वेदों और पुराणों के अनुसार प्रत्येक ग्रह का अपना विशिष्ट मंत्र है, जो उसके दोषों को शांत करने के लिए अत्यंत प्रभावी माना गया है। सूर्य का मंत्र ‘ॐ घृणि: सूर्याय नमः’ ऋग्वेद से लिया गया है, जो आत्मा और तेज को बल प्रदान करता है। चंद्र का मंत्र ‘ॐ सोमाय नमः’ यजुर्वेद में मिलता है, जो मन और भावनाओं को शांत करता है। मंगल के लिए ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः’ स्कंद पुराण में वर्णित है, जो भय, ऋण और दुर्घटना संबंधी कष्टों को कम करता है।
बुध के ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ का उल्लेख नारद संहिता में है, जो बुद्धि, व्यापार और संवाद कौशल को बढ़ाता है। इसी प्रकार शनि के लिए प्रसिद्ध ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ ब्रह्मवैवर्त पुराण में आता है। इन मंत्रों के जाप से व्यक्ति अपने ग्रहों की ऊर्जा को सकारात्मक रूप में परिवर्तित कर सकता है।Grah Shanti Puja Upaya
8. घर में शांति पाठ करते समय क्या न करें?
प्राचीन शास्त्रों में शांति पाठ से संबंधित कुछ निषेध बताए गए हैं जिन्हें पालन करना अत्यंत आवश्यक है। पाठ के दौरान मन को क्रोध, ईर्ष्या, लालच या नकारात्मक विचारों से दूर रखना चाहिए, क्योंकि यह ग्रहों की ऊर्जा को प्रभावित करता है। अत्यधिक शोर या मोबाइल फोन जैसे व्यवधानों से बचना चाहिए। ग्रह मंत्रों का उच्चारण शुद्ध और धीमी गति में होना चाहिए, अन्यथा फल कम मिलता है।
पाठ के समय भोजन बनाना, तंग कपड़े पहनना, मांसाहार का सेवन करना या मदिरापान करना अशुद्ध माना गया है। पाठ से एक दिन पहले और पाठ वाले दिन सात्त्विक भोजन का सेवन ही सर्वोत्तम माना गया है। पूजा वेदी पर जले हुए दीपक को बुझाना नहीं चाहिए बल्कि उसे स्वयं समाप्त होने देना ही उत्तम माना गया है।Grah Shanti Puja Upaya
9. ग्रहों की कृपा पाने के अन्य वैदिक उपाय
ग्रह शांति पाठ के साथ-साथ कुछ अन्य वैदिक उपाय भी बताए गए हैं जो ग्रहों के प्रभाव को और अधिक शुभ बनाते हैं। सूर्य के लिए प्रतिदिन जल अर्पण, चंद्रमा के लिए दूध का दान, मंगल के लिए लाल वस्त्र दान, शनि के लिए काले तिल और लोहे का दान, बुध के लिए हरी दाल दान, गुरु के लिए पीली वस्तुएँ, और शुक्र के लिए सुगंधित वस्तुओं का दान अत्यंत शुभ माना गया है। पुराणों में लिखा है कि दान और मंत्र दोनों मिलकर ग्रहों के प्रभाव को कई गुना तेज़ी से बदलते हैं। यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से सूर्य नमस्कार, ध्यान और प्राणायाम भी करता है, तो ग्रह शांति का प्रभाव और अधिक स्थायी हो जाता है।Grah Shanti Puja Upaya
FAQ
1. क्या ग्रह शांति पाठ सभी लोगों के लिए लाभकारी है?
हाँ, ग्रह शांति पाठ हर व्यक्ति को लाभ देता है चाहे उसकी कुंडली में दोष हों या न हों।
2. ग्रह शांति पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?
सामान्यतः एक दिन का पाठ पर्याप्त है, परंतु गंभीर दोषों में 21 या 40 दिनों का अनुष्ठान किया जाता है।
3. क्या बिना पंडित बुलाए घर में ग्रह शांति किया जा सकता है?
हाँ, यदि मंत्रों का उच्चारण शुद्ध रूप से कर सकें तो स्वयं भी कर सकते हैं।
4. ग्रह शांति के बाद परिणाम कब मिलता है?
आमतौर पर 7–21 दिनों में सकारात्मक बदलाव दिखने शुरू हो जाते हैं।Grah Shanti Puja Upaya
DISCLAIMER
यह लेख केवल वैदिक ज्योतिष, पुराणों और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित सामान्य जानकारी है। इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार का चिकित्सीय, कानूनी या जीवन-निर्णय संबंधी सलाह देना नहीं है। किसी भी ग्रह दोष या समस्या का समाधान करने से पहले योग्य ज्योतिषी से व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण अवश्य कराएँ।Grah Shanti Puja Upaya
ग्रह शांति पाठ, घर में ग्रह शांति, ग्रह शांति पूजा विधि, ज्योतिष उपाय, शनि शांति, राहु केतु शांति, ग्रह दोष निवारण, वेदिक ग्रह पूजा, अशुभ ग्रह निवारण, ग्रह कृपा कैसे पाएं
#GrahShantiPaath #JyotishUpay #HinduPujaVidhi #VedicAstrology #GrahdoshNivaran