Santan Prapti Upay:संतान प्राप्ति के उपाय | पुत्री-पुत्र प्राप्ति के ज्योतिषीय उपाय
संतान सुख को जीवन का सबसे बड़ा आशीर्वाद माना गया है। जब घर में बच्चे का जन्म होता है तो परिवार में खुशियाँ, उत्साह और जीवन की पूर्णता का अनुभव होता है। किंतु कई बार संतान सुख में बाधाएँ आती हैं। वैदिक ज्योतिष इस विषय पर गहन जानकारी प्रदान करता है। कुंडली के पंचम भाव, पंचमेश और गुरु की स्थिति संतान प्राप्ति का प्रमुख आधार है। अशुभ ग्रहों की दृष्टि या ग्रहदोष संतान में विलंब का कारण बनते हैं, जिन्हें शांति और पूजा-पाठ के माध्यम से दूर किया जा सकता है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से संतान सुख:Santan Prapti Upay
जन्मकुंडली का पंचम भाव संतान का प्रमुख भाव है। पंचम भाव और पंचमेश के साथ-साथ गुरु की स्थिति भी देखी जाती है। यदि गुरु शुभ स्थान में हो और पंचम भाव मजबूत हो तो संतान शीघ्र प्राप्त होती है। लेकिन यदि पंचम भाव पर शनि, राहु, केतु या मंगल की दृष्टि हो तो संतान में देरी, गर्भपात या संतानहीनता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
पंचमेश की भूमिका:Santan Prapti Upay
पंचम भाव का स्वामी पंचमेश कहलाता है। यदि पंचमेश उच्च राशि या स्वगृही हो तो संतान सुख में कोई बाधा नहीं रहती। पंचमेश पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव होने पर संतान प्राप्ति कठिन हो सकती है। ऐसे में पंचमेश ग्रह के अनुसार विशेष यंत्र, रत्न या पूजा करना लाभकारी रहता है। यदि पंचमेश कमजोर हो तो दंपति को प्रतिदिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए और रविवार को सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए, क्योंकि सूर्य पंचम भाव को बल देता है।
गुरु की भूमिका:Santan Prapti Upay
गुरु (बृहस्पति) संतान का कारक ग्रह है। स्त्री की कुंडली में गुरु का बलवान होना संतान सुख का प्रमुख संकेत है। यदि गुरु नीच राशि या पापग्रहों से पीड़ित हो तो संतान में बाधा आती है। इस स्थिति में प्रत्येक गुरुवार को व्रत रखना चाहिए और पीली वस्तुएँ जैसे हल्दी, चना दाल और पीला वस्त्र दान करना चाहिए। प्रतिदिन 108 बार “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए और गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा कर जल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है।
संतान प्राप्ति हेतु दंपतियों के लिए विशेष मंत्र:Santan Prapti Upay
संतान की कामना रखने वाले दंपतियों के लिए संतान गोपाल मंत्र का विशेष महत्व है। यह मंत्र है – “ॐ देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः॥”। इस मंत्र का प्रतिदिन ग्यारह माला जप दंपति को एक साथ करना चाहिए। इसके अलावा शिव-पार्वती की आराधना भी संतान प्राप्ति में प्रभावी मानी गई है। सोमवार को “ॐ नमः शिवाय, पार्वत्यै नमः” मंत्र का जाप करते हुए शिव-पार्वती की संयुक्त पूजा करनी चाहिए। साथ ही गायत्री मंत्र का जाप करने से मन की शुद्धि होती है और संतान सुख की राह सरल बनती है।
संतान प्राप्ति हेतु दंपतियों के लिए रीतिरिवाज:Santan Prapti Upay
संतान सुख के लिए कई प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान और व्रत भी बताए गए हैं। पुत्रदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से संतान की कामना रखने वाले दंपतियों के लिए फलदायी होता है। योग्य पंडित से संतान गोपाल हवन करवाना संतान प्राप्ति का सर्वोत्तम उपाय माना गया है। सोमवार को दंपति को मिलकर शिवलिंग पर दूध और जल अर्पण करना चाहिए और संतान सुख की प्रार्थना करनी चाहिए। वट सावित्री व्रत भी संतान और पति की दीर्घायु के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा गुरुवार को गाय को गुड़ और चना खिलाना भी संतान प्राप्ति में सहायक माना गया है।
नवग्रहों की शांति के लिए यंत्र स्थापना:Santan Prapti Upay
संतान सुख में विलंब या बाधा का कारण कई बार नवग्रहों का अशुभ प्रभाव होता है। ऐसे में नवग्रह यंत्र स्थापना अत्यंत लाभकारी होती है। इस यंत्र को शुभ मुहूर्त में गंगाजल से शुद्ध करके लाल या पीले कपड़े पर स्थापित करना चाहिए। धूप-दीप जलाकर “ॐ नवग्रहाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करने के बाद इसे पूजाघर में रखें। प्रतिदिन यंत्र की पूजा करें और दीप जलाएँ। इस प्रक्रिया से ग्रहदोष शांत होते हैं और संतान प्राप्ति की राह सरल हो जाती है।
अन्य प्रभावी ज्योतिषीय उपाय:Santan Prapti Upay
संतान प्राप्ति के लिए सोमवार को पारद शिवलिंग की पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना गया है। प्रत्येक पूर्णिमा को चंद्रमा को दूध मिश्रित जल अर्पित करने से भी संतान में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं। नवदुर्गा पूजन कर संतान सुख की कामना करना और “ॐ श्रीं ह्रीं संतान दायिनी भगवती नमः” मंत्र का जाप करना भी अत्यंत प्रभावी उपाय है।
निष्कर्ष:Santan Prapti Upay
संतान प्राप्ति में पंचम भाव और गुरु ग्रह की सबसे बड़ी भूमिका होती है। यदि ये दोनों अनुकूल स्थिति में हों तो दंपति को शीघ्र संतान की प्राप्ति होती है। लेकिन यदि अशुभ ग्रहों का प्रभाव हो तो संतान में विलंब हो सकता है। ऐसे समय में ज्योतिषीय उपाय जैसे गुरु की पूजा, संतान गोपाल मंत्र का जाप, नवग्रह यंत्र स्थापना, संतान गोपाल हवन और विशेष व्रत आदि करने से संतान प्राप्ति की राह सरल हो जाती है। दंपति को श्रद्धा और विश्वास के साथ इन उपायों का पालन करना चाहिए ताकि संतान सुख की प्राप्ति सुनिश्चित हो सके।
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