
Guru Pushya Yog 2026 Tithi Muhuratवैदिक ज्योतिष में गुरु पुष्य योग को सभी शुभ योगों में सर्वश्रेष्ठ और सर्वाधिक प्रभावशाली माना गया है। जैसे शेर को जंगल का राजा कहा जाता है, ठीक उसी प्रकार गुरु पुष्य योग को योगों का राजा कहा गया है। यह योग तब बनता है जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार के दिन पड़ता है। गुरुवार स्वयं देवगुरु बृहस्पति का दिन है और पुष्य नक्षत्र को 27 नक्षत्रों में सबसे शुभ माना गया है।शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि पुष्य नक्षत्र में माता लक्ष्मी का प्रादुर्भाव हुआ था, इसलिए यह नक्षत्र धन, वैभव, समृद्धि और स्थायित्व का प्रतीक माना जाता है।
यही कारण है कि गुरु पुष्य योग में प्रारंभ किए गए कार्यों में असफलता की संभावना अत्यंत न्यून होती है। यह योग इतना शक्तिशाली होता है कि ग्रहों की विपरीत दशा में भी व्यक्ति को शुभ फल प्रदान कर सकता है।व्यापार प्रारंभ, नई नौकरी जॉइन करना, नई संपत्ति या वाहन खरीदना, निवेश, गृह प्रवेश, खाते खोलना और शुभ संकल्प लेना—ये सभी कार्य गुरु पुष्य योग में अत्यंत फलदायी माने जाते हैं। हालांकि शास्त्र यह भी स्पष्ट करते हैं कि इस योग में विवाह नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे दांपत्य जीवन में स्थायित्व नहीं रहता।

गुरु पुष्य योग 2026: तिथियाँ एवं शुभ मुहूर्त (वाराणसी, भारत)
गुरु पुष्य नक्षत्र 2026 – समय सारिणी
| दिन | दिनांक | आरंभ काल | समाप्ति काल |
|---|---|---|---|
| गुरुवार | 23 अप्रैल 2026 | 20:58:22 | 29:28:02 (24 अप्रैल) |
| गुरुवार | 21 मई 2026 | 05:10:41 | 26:50:35 (22 मई) |
| गुरुवार | 18 जून 2026 | 05:07:31 | 11:33:37 |
स्थान: वाराणसी, भारत
नोट: समाप्ति समय यदि 24:00 से अधिक है तो वह अगले दिन को दर्शाता है।Guru Pushya Yog 2026 Tithi Muhurat
पुष्य नक्षत्र का विशेष महत्व
वैदिक ग्रंथों के अनुसार, सामान्यतः जब चंद्रमा किसी राशि के चतुर्थ, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित होता है, तो उसे अशुभ माना जाता है। लेकिन पुष्य नक्षत्र की यह विशेषता है कि यह अशुभ समय को भी शुभ में परिवर्तित कर देता है। इसी कारण इसे “नक्षत्रों का राजा” कहा गया है।पुष्य शब्द का अर्थ है—पोषण, वृद्धि और संरक्षण। यह नक्षत्र जीवन में स्थायित्व प्रदान करता है। इसी नक्षत्र के प्रभाव से व्यक्ति को धन संचय, सामाजिक सम्मान और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।Guru Pushya Yog 2026 Tithi Muhurat
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गुरु पुष्य योग: शास्त्रीय दृष्टिकोण
जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार को पड़ता है, तब यह गुरु पुष्यामृत योग कहलाता है। शास्त्रों में इसकी तुलना धनतेरस और चैत्र प्रतिपदा जैसे महाशुभ दिनों से की गई है।देवगुरु बृहस्पति ज्ञान, धर्म और विस्तार के कारक हैं, जबकि पुष्य नक्षत्र स्थायित्व और समृद्धि देता हैइन दोनों का संगम अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली माना गया है।यह योग व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर सकारात्मक अवसरों का द्वार खोलता है। विशेषकर व्यापारियों, नौकरीपेशा लोगों और निवेशकों के लिए यह योग वरदान समान होता है।Guru Pushya Yog 2026 Tithi Muhurat
गुरु पुष्य योग में क्या करें?
- नया व्यापार या स्टार्टअप शुरू करें
- नई नौकरी जॉइन करें
- सोना, चांदी, संपत्ति या वाहन खरीदें
- निवेश, एफडी, शेयर, म्यूचुअल फंड प्रारंभ करें
- गृह प्रवेश, भूमि पूजन
- लक्ष्मी-नारायण या गुरु बृहस्पति की पूजा
- दीर्घकालिक योजनाओं की शुरुआतGuru Pushya Yog 2026 Tithi Muhurat
गुरु पुष्य योग में क्या न करें?
- विवाह एवं सगाई
- तलाक या वैवाहिक निर्णय
- नकारात्मक संकल्प
- विवाद और कानूनी झगड़े की शुरुआत
शास्त्रों में वर्णित एक श्राप कथा के अनुसार, इस योग में किया गया विवाह जीवनभर सुखद नहीं रहता, इसलिए विवाह से स्पष्ट रूप से परहेज करने की सलाह दी गई है।Guru Pushya Yog 2026 Tithi Muhurat
निष्कर्ष
गुरु पुष्य योग 2026 न केवल एक शुभ संयोग है, बल्कि यह जीवन में स्थायित्व, सफलता और समृद्धि लाने वाला दिव्य अवसर है। यह योग व्यक्ति को विपरीत परिस्थितियों से निकालकर उन्नति के मार्ग पर अग्रसर करता है। यदि सही समय, सही उद्देश्य और सकारात्मक कर्म के साथ इस योग का उपयोग किया जाए, तो यह जीवन की दिशा ही बदल सकता है।Guru Pushya Yog 2026 Tithi Muhurat
FAQ:Guru Pushya Yog 2026 Tithi Muhurat
Q1. गुरु पुष्य योग क्या है?
जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार को पड़ता है, तब गुरु पुष्य योग बनता है।
Q2. गुरु पुष्य योग में क्या खरीदना शुभ है?
सोना, चांदी, वाहन, संपत्ति और व्यापारिक सामान।
Q3. क्या इस योग में विवाह करना शुभ है?
नहीं, शास्त्रों में विवाह वर्जित बताया गया है।
Q4. क्या यह योग ग्रह दोषों को कम करता है?
हाँ, यह योग नकारात्मक ग्रह प्रभावों को कम करने में सहायक माना गया है।
Q5. गुरु पुष्य योग कितनी बार आता है?
वर्ष में 2–3 बार ही यह दुर्लभ योग बनता है।Guru Pushya Yog 2026 Tithi Muhurat
Disclaimer
यह लेख वैदिक ज्योतिषीय मान्यताओं, पंचांग और शास्त्रीय संदर्भों पर आधारित है। किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय से पूर्व व्यक्तिगत कुंडली और योग्य ज्योतिषाचार्य की सलाह अवश्य लें। वेबसाइट किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं लेती।Guru Pushya Yog 2026 Tithi Muhurat
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Guru Pushya Yog 2026 Tithi Muhurat गुरु पुष्य योग 2026 की तिथियाँ, शुभ मुहूर्त, महत्व और क्या करें–क्या न करें की पूरी जानकारी वाराणसी अनुसार। जानिए क्यों इसे योगों का राजा कहा जाता है।Guru Pushya Yog 2026 Tithi Muhurat
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