पंचांग 29 सितम्बर 2025: तिथि, नक्षत्र, योग, व्रत और शुभ मुहूर्त:Panchang 29 September 2025

Panchang 29 September 2025:29 सितम्बर 2025, सोमवार का दिन ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। यह दिन आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि से अष्टमी तिथि तक का संयोग लिए हुए है। इस दिन देवी सरस्वती के आवाहन का भी विधान है। सोमवार का दिन स्वयं भगवान शिव को समर्पित माना जाता है और जब यह दिन शुभ नक्षत्रों और विशेष योगों के साथ आता है, तब इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। आइए जानते हैं इस दिन का पूरा पंचांग विस्तार से।


तिथि का महत्व

29 सितम्बर को प्रातःकाल तक शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि रहेगी, जो 28 सितम्बर दोपहर 2:27 बजे से प्रारंभ होकर 29 सितम्बर शाम 4:32 बजे तक रहेगी। सप्तमी तिथि को विशेष रूप से सूर्योपासना और देवी पूजन का महत्व है। सप्तमी तिथि पर सूर्य को अर्घ्य देने से स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।Panchang 29 September 2025

शाम 4:32 बजे के बाद अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी जो अगले दिन 30 सितम्बर शाम 6:06 बजे तक रहेगी। अष्टमी तिथि देवी दुर्गा की पूजा के लिए विशेष मानी जाती है और इस दिन माता को पुष्प, नैवेद्य और दीप अर्पित करने से सुख-समृद्धि मिलती है।


वार का महत्व

यह दिन सोमवार का है। सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। सोमवार के दिन किए गए व्रत से मानसिक शांति, दाम्पत्य जीवन में सुख और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। विशेष रूप से यह दिन उन लोगों के लिए शुभ है जो विवाह और दांपत्य सुख की कामना करते हैं।


नक्षत्र का महत्व

29 सितम्बर को मूल नक्षत्र रहेगा, जो 29 सितम्बर तड़के 3:54 बजे से प्रारंभ होकर 30 सितम्बर सुबह 6:17 बजे तक रहेगा। मूल नक्षत्र को गण्डमूल नक्षत्र कहा जाता है, और इस दौरान जन्म लेने वाले जातकों के लिए विशेष शांति कर्म आवश्यक होते हैं। मूल नक्षत्र का स्वामी केतु होता है और यह धनु राशि में आता है। इस नक्षत्र के प्रभाव से जातकों में साहस, कर्मठता और स्वतंत्र विचारधारा विकसित होती है।Panchang 29 September 2025

मूल नक्षत्र के बाद 30 सितम्बर से पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र प्रारंभ होगा। इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र होता है और यह विजय तथा समृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है।


योग और करण

इस दिन का पहला योग सौभाग्य योग रहेगा, जो 29 सितम्बर रात 12:31 बजे से लेकर 30 सितम्बर रात 1:00 बजे तक प्रभावी रहेगा। सौभाग्य योग में किए गए कार्यों से सफलता और दीर्घकालीन लाभ मिलता है। इसके बाद शोभन योग प्रारंभ होगा जो 30 सितम्बर रात 1:00 बजे से 1 अक्टूबर सुबह 1:02 बजे तक रहेगा। यह योग सौंदर्य, समृद्धि और जीवन में आकर्षण बढ़ाने वाला होता है।Panchang 29 September 2025

करणों की बात करें तो 29 सितम्बर की भोर 3:33 बजे से 4:32 बजे तक वणिज करण रहेगा। वणिज करण व्यापार, सौदेबाज़ी और लेन-देन से जुड़े कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इसके बाद 29 सितम्बर शाम 4:32 बजे से 30 सितम्बर सुबह 5:23 बजे तक विष्टि करण (भद्रा) रहेगा, जो अशुभ माना जाता है। इस दौरान शुभ कार्यों और मांगलिक कार्यों से बचना चाहिए।


अशुभ काल

प्रत्येक दिन की तरह 29 सितम्बर को भी कुछ अशुभ काल रहेंगे। इस दिन का राहुकाल सुबह 7:50 बजे से 9:19 बजे तक रहेगा। इस समय नए कार्य, यात्रा और निवेश करने से बचना चाहिए।
यमगण्ड काल 10:48 बजे से 12:17 बजे तक रहेगा, जबकि कुलिक काल 1:45 बजे से 3:14 बजे तक रहेगा।
इसके अतिरिक्त दुर्मुहूर्त 12:40 से 1:28 बजे तक तथा 3:02 से 3:50 बजे तक रहेगा।
इस दिन का वर्ज्यम् काल 12:41 PM से 2:26 PM और फिर भोर 4:31 AM से 6:16 AM तक रहेगा। इन अशुभ कालों के दौरान महत्वपूर्ण कार्यों को टालना ही उत्तम होता है।Panchang 29 September 2025


शुभ काल

29 सितम्बर को कई शुभ काल भी बन रहे हैं।

  • अभिजीत मुहूर्त : 11:53 AM – 12:40 PM
  • अमृत काल : 11:19 PM – 01:05 AM
  • ब्रह्म मुहूर्त : 04:45 AM – 05:33 AM

इन समयों को विशेष रूप से पूजा-पाठ, मंत्र जाप, साधना और मांगलिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना गया है।


ग्रहों की स्थिति

इस दिन सूर्य कन्या राशि में रहेगा। कन्या राशि में सूर्य का होना बुद्धि, तर्कशक्ति और विश्लेषण क्षमता को प्रबल करता है। वहीं चंद्रमा धनु राशि में पूरे दिन और रात संचार करेगा। धनु राशि में चंद्रमा का होना धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए अनुकूल माना जाता है। यह समय मानसिक शांति और उत्साह प्रदान करता है।Panchang 29 September 2025


त्यौहार और व्रत

29 सितम्बर 2025 को सरस्वती आवाहन का विशेष महत्व है। यह समय नवरात्रि में विद्या और ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की उपासना प्रारंभ करने का दिन है। इस दिन छात्र और विद्वान माता सरस्वती की आराधना कर शिक्षा और ज्ञान की वृद्धि की प्रार्थना करते हैं।


विशेष योग और गण्डमूल

इस दिन सुबह 3:54 बजे से 6:21 बजे तक सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग बनेगा। यह योग अत्यंत शुभ माना जाता है और इस दौरान किए गए कार्यों से सफलता की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।Panchang 29 September 2025
इसके अतिरिक्त इस दिन गण्डमूल नक्षत्र (मूल) भी रहेगा। गण्डमूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले शिशुओं के लिए विशेष शांति कर्म आवश्यक होते हैं, अन्यथा जीवन में बाधाएँ आ सकती हैं।


निष्कर्ष

29 सितम्बर 2025 का दिन ज्योतिषीय दृष्टि से संतुलित और शुभ फल देने वाला है। दिन का प्रारंभ सप्तमी तिथि से होगा और शाम को अष्टमी तिथि का आगमन होगा। सोमवार के दिन शिव पूजन, मूल नक्षत्र के दौरान विशेष सावधानियाँ और सरस्वती आवाहन का महत्व इस दिन को और खास बना देता है। राहुकाल और अशुभ मुहूर्त को छोड़कर दिन का बड़ा हिस्सा शुभ कार्यों के लिए अनुकूल रहेगा।Panchang 29 September 2025


Disclaimer

यह पंचांग और ज्योतिषीय जानकारी पारंपरिक वेदों और गणनाओं पर आधारित है। स्थान, समय और पद्धति के अनुसार इसमें थोड़ा-बहुत अंतर संभव है। किसी भी बड़े निर्णय, विवाह, मुहूर्त या मांगलिक कार्य से पहले योग्य ज्योतिषाचार्य या पंडित से परामर्श अवश्य लें।Panchang 29 September 2025

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