शक्तिशाली सूर्य-मंगल संगम 2025: तुला में बनेगा नीच-भंग योग — दस दिन इन 4 राशियों पर बरसेगा धन, तो 3 राशियों पर टूटेगी मुसीबतों की बरसात!Surya Mangal Yuti 2025

Surya Mangal Yuti 2025 17 अक्टूबर से 27 अक्टूबर 2025 तक सूर्य और मंगल दोनों तुला राशि में एक साथ रहेंगे। यह अवधि केवल दस दिनों की है, लेकिन इन दिनों में ग्रहों की यह युति कई राशियों के जीवन में गहरा प्रभाव डाल सकती है। तुला राशि में सूर्य नीच का होता है, जबकि मंगल यहाँ शुक्र की राशि में विराजमान रहेगा, जिसे उसके लिए बहुत शुभ नहीं माना जाता। फिर भी, यह योग ऊर्जा, नेतृत्व और साहस में परिवर्तन लाने वाला माना गया है। इस अवधि में व्यक्ति के व्यवहार, आत्मविश्वास और संबंधों में विशेष परिवर्तन संभव हैं।

read also :

शुक्र गोचर 2025: नीच राशि में प्रवेश के साथ सूर्य-शुक्र की युति से बना ‘शुक्रादित्य योग’ — इन राशियों पर बरसेगा धन, प्रेम और वैभव की वर्षा!Shukra Gochar 2025


सूर्य का नीचत्व तुला राशि में

“बृहत् पराशर होरा शास्त्र” में कहा गया है — “तुलायां निचगः सूर्यः”, अर्थात सूर्य तुला राशि में नीच का होता है। जब सूर्य तुला में प्रवेश करता है, तो व्यक्ति का आत्मविश्वास, मान-सम्मान और निर्णय-क्षमता प्रभावित होती है।

सूर्य आत्मा और शक्ति का प्रतीक है, जबकि तुला संतुलन और न्याय की राशि है। ऐसे में जब सूर्य यहाँ आता है, तो अहंकार और संतुलन के बीच संघर्ष बढ़ता है। इस अवधि में लोगों को अपने विचारों में स्थिरता बनाए रखने और आत्मविश्वास को कमजोर न होने देने की आवश्यकता होती है।Surya Mangal Yuti 2025


 मंगल का तुला राशि में प्रभाव

मंगल तुला राशि में आने पर अपनी ऊर्जा को भावनात्मक दिशा में परिवर्तित कर देता है। शुक्र की यह राशि सौंदर्य, आकर्षण और संबंधों की प्रतीक है, जबकि मंगल स्वभाव से क्रोधी और संघर्षप्रिय होता है। इसलिए तुला में मंगल का वास व्यक्ति को आकर्षक, लेकिन आक्रामक स्वभाव वाला बना सकता है।

शास्त्रों में कहा गया है — “मंगलः शुक्रगृहे वसन्, युधिष्ठिरः समानः”, अर्थात जब मंगल शुक्र की राशि में होता है तो व्यक्ति साहसी तो होता है, परंतु उसकी भावनाएं अत्यधिक तीव्र हो जाती हैं। इस स्थिति में निर्णय भावनाओं से प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए विवेक बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।Surya Mangal Yuti 2025


मेष राशि के लिए — सप्तम भाव में नीच-भंग योग

मेष राशि के स्वामी स्वयं मंगल हैं, और जब वे तुला में प्रवेश करते हैं तो वे सप्तम भाव में आ जाते हैं। इस स्थिति में सूर्य का नीचत्व, मंगल की उपस्थिति के कारण नीच-भंग राजयोग का निर्माण करता है। इस समय मेष राशि के जातकों के दांपत्य जीवन में संवाद और गर्माहट दोनों बढ़ सकते हैं। व्यापारिक साझेदारी में नए अवसर प्राप्त होंगे और कोर्ट या कानूनी मामलों में राहत के संकेत मिलेंगे। हालांकि इस अवधि में जल्दबाजी और क्रोध से हानि भी संभव है। अतः संयम और शांति से कार्य करना लाभदायक रहेगा।


 कर्क राशि के लिए — चतुर्थ भाव में प्रभाव

कर्क राशि वालों के लिए सूर्य और मंगल दोनों सुख-स्थान यानी चतुर्थ भाव में रहेंगे। यह स्थिति गृह-शांति में अस्थिरता ला सकती है। माता-पिता से मतभेद, संपत्ति विवाद या वाहन से संबंधित परेशानी संभव है। साथ ही भावनात्मक अस्थिरता भी बढ़ सकती है। हालांकि यदि कुंडली में चंद्रमा बलवान हो, तो घर-परिवार में सुख और शांति पुनः स्थापित होगी। इस स्थिति को संतुलित रखने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना और तांबे के पात्र में जल अर्पित करना लाभदायक होगा।Surya Mangal Yuti 2025


 तुला राशि के लिए — प्रथम भाव में युति

तुला राशि के जातकों के लिए यह अवधि सबसे अधिक महत्वपूर्ण होगी क्योंकि सूर्य और मंगल दोनों उनके प्रथम भाव यानी लग्न में रहेंगे। इस समय आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है। कार्यस्थल पर वरिष्ठों से मतभेद और मानसिक दबाव संभव है। फिर भी यदि कुंडली में मंगल शुभ दृष्टि में हो, तो यह स्थिति नेतृत्व और साहस को बढ़ा सकती है।

“जातक पारिजात” ग्रंथ में कहा गया है कि जब सूर्य और मंगल लग्न में हों तो व्यक्ति तेजस्वी और पराक्रमी बनता है, लेकिन यदि सूर्य नीच का हो तो कर्मों में विलंब और अस्थिरता देखने को मिलती है। इसलिए तुला जातकों को इस अवधि में संतुलित निर्णय लेना चाहिए।


मकर राशि के लिए — दशम भाव में सहयोग

मकर राशि वालों के लिए यह संयोग कर्म-स्थान यानी दशम भाव में रहेगा। इस समय प्रोफेशनल जीवन में तेजी से बदलाव देखने को मिल सकते हैं। उच्च अधिकारियों से सहयोग प्राप्त होगा और सरकारी कार्यों में लाभ के योग बनेंगे। व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, परंतु परिश्रम का उचित फल भी मिलेगा।

“फलदीपिका” में कहा गया है — “दशमे सूर्य-मंगलौ कर्मसिद्धिदौ भवेत्”, अर्थात जब सूर्य और मंगल दशम भाव में हों तो व्यक्ति अपने परिश्रम और दृढ़ता से सफलता प्राप्त करता है। इस दौरान मकर जातकों को वाणी में संयम रखना चाहिए ताकि विवादों से बचा जा सके।


अन्य राशियों पर सामान्य प्रभाव

सिंह और धनु राशि के जातकों के लिए यह अवधि ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि लाएगी। मिथुन और कन्या राशि वालों के लिए यह समय खर्च और यात्राओं से जुड़ा रहेगा। वहीं कुंभ और मीन राशि के जातकों को संबंधों में भ्रम और मानसिक तनाव से सावधान रहना होगा। कुल मिलाकर यह अवधि परिवर्तनकारी होगी, जो व्यक्ति के आचरण और कर्म पर निर्भर करेगी।Surya Mangal Yuti 2025


उपाय और अनुशंसा

इस अवधि में सूर्य को प्रतिदिन तांबे के लोटे में जल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है। मंगलवार के दिन गुड़ और मसूर का दान करने से मंगल के दुष्प्रभाव कम होंगे। साथ ही श्री हनुमान चालीसा का नित्य पाठ आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति को बढ़ाएगा।


Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य ज्योतिषीय अध्ययन पर आधारित है। किसी भी व्यक्तिगत भविष्यवाणी या निर्णय से पहले अपनी जन्म-कुंडली के आधार पर किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।Surya Mangal Yuti 2025

सूर्य मंगल युति 2025, Surya Mangal Yuti Libra, तुला राशि सूर्य मंगल प्रभाव, नीच भंग योग, अक्टूबर 2025 ग्रह गोचर, Surya Mangal Conjunction, Libra Transit Astrology, सूर्य मंगल तुला में, Surya Neech

#SuryaMangalYuti #TulaRashi2025 #JyotishNews #Astrology2025 #NeechBhangYog #GrahaGochar #MangalEffect #SuryaNeech #RashiFal2025

Leave a Comment

Free Kundli Generator

Name:

Date of Birth:

Time of Birth:

Place: