
Chandra Grahan Surya Grahan 2026 वर्ष 2026 खगोलीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहा है, क्योंकि इस वर्ष दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं। खास बात यह है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण ठीक होली के दिन पड़ेगा, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। भारतीय परंपरा और ज्योतिष में ग्रहण को विशेष रूप से ध्यान और साधना का समय माना गया है। ऐसा विश्वास है कि ग्रहण काल के दौरान की गई आध्यात्मिक साधना का कई गुना अधिक फल मिलता है। वहीं दूसरी ओर, ग्रहण का असर मनोविज्ञान, स्वास्थ्य और भावनाओं पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
2026 में लगने वाले ग्रहणों के समय, स्थान, ज्योतिषीय स्थिति, राशियों पर प्रभाव से लेकर सूतक काल और उपायों तक—इस लेख में सबकुछ विस्तार से जानिए।
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2026 में लगने वाले सभी ग्रहणों की पूरी सूची (Chandra Grahan Surya Grahan 2026)
| ग्रहण प्रकार | तारीख | दृश्यता | सूतक काल | विवरण |
|---|---|---|---|---|
| सूर्य ग्रहण 1 | 17 फरवरी 2026 | भारत में दृश्य नहीं | लागू नहीं | कंकणाकृति सूर्य ग्रहण |
| चंद्र ग्रहण 1 | 3 मार्च 2026 (होली) | भारत में दृश्य (पूर्वी राज्य) | लागू | खण्डग्रास चंद्र ग्रहण |
| सूर्य ग्रहण 2 | 12 अगस्त 2026 | भारत में दृश्य नहीं | लागू नहीं | आंशिक/पूर्ण सूर्य ग्रहण (विदेशों में दृश्य) |
| चंद्र ग्रहण 2 | 28 अगस्त 2026 | भारत में दृश्य नहीं | लागू नहीं | पूर्ण चंद्र ग्रह |
साल 2026 का पहला चंद्र ग्रहण — 3 मार्च 2026 (होली पर लगने वाला बड़ा चंद्र ग्रहण)
साल 2026 का पहला बड़ा चंद्र ग्रहण ठीक होली के दिन, 3 मार्च 2026 को लगेगा। यह ग्रहण ग्रस्तोदय रूप में दिखाई देगा, यानी जब चंद्रमा उदित होंगे, तब वे पहले से ही ग्रहण की छाया में होंगे। भारत में ग्रहण का प्रारंभ तो दिखाई नहीं देगा, लेकिन ग्रहण का अंतिम हिस्सा कई राज्यों में साफ दिखाई देगा। खगोलीय गणना के अनुसार यह ग्रहण अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावी माना जा रहा है क्योंकि इस दिन चंद्रमा सिंह राशि में होंगे और केतु के साथ युति बनाएंगे। साथ ही राहु की सीधी दृष्टि चंद्रमा पर रहेगी, जिससे यह ग्रहण ज्योतिषीय रूप से और भी प्रभावशाली बन जाता है।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
3 मार्च 2026 चंद्र ग्रहण का समय (Indian Standard Time)
3 मार्च 2026 को लगने वाले चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 3 घंटे 27 मिनट की होगी, जिसमें विभिन्न चरण इस प्रकार होंगे—
ग्रहण का स्पर्श दोपहर 3 बजकर 20 मिनट से शुरू होगा। इसके बाद खग्रास अवस्था 4 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी, जबकि ग्रहण का मध्य या सर्वाधिक प्रभाव वाला समय 5 बजकर 4 मिनट पर आएगा। खग्रास अवस्था 5:33 बजे समाप्त हो जाएगी और अंत में चंद्र ग्रहण पूरी तरह शाम 6 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा।यह ग्रहण भारत में पूरी तरह से दिखाई नहीं देगा, लेकिन ग्रहण का अंतिम चरण भारत के पूर्वी राज्यों में चंद्रोदय के बाद साफ देखा जा सकेगा।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
भारत में कहां-कहां दिखेगा 3 मार्च 2026 का चंद्र ग्रहण
यह चंद्र ग्रहण भारत में आंशिक रूप से दिखाई देगा। देश के केवल पूर्वोत्तर राज्यों में ग्रहण की समाप्ति का दृश्य लोगों को मिल सकेगा। इन राज्यों में लोग चंद्रोदय के बाद ग्रहण के अंतिम चरण के साक्षी बनेंगे। इनमें शामिल हैं असम, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और उत्तरी बंगाल के कुछ क्षेत्र।शेष भारत में जब चंद्रमा उदित होगा, तब तक ग्रहण का खग्रास चरण समाप्त हो चुका होगा। इसलिए उत्तर, दक्षिण, पश्चिम और मध्य भारत में केवल ग्रहण की अंतिम झलक ही देखने को मिलेगी।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
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भारत के अलावा किन देशों में दिखेगा यह चंद्र ग्रहण?
यह ग्रहण विश्व के कई हिस्सों में व्यापक रूप से दिखाई देगा। भारत के अलावा यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अमेरिका, उत्तर अमेरिका, रूस, एशिया के कुछ भाग, अंटार्कटिका और दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
3 मार्च 2026 चंद्र ग्रहण का सूतक काल
चूंकि यह ग्रहण भारत में आंशिक रूप से दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा। ग्रहण के लगने से 9 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है। अतः यह सूतक काल 3 मार्च की सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6:47 बजे ग्रहण समाप्त होने तक प्रभावी रहेगा।सूतक के दौरान धार्मिक गतिविधियाँ, पूजा-पाठ, मंदिर में प्रवेश, भोजन और शुभ कार्यों पर रोक रहती है।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
ज्योतिषीय स्थिति: चंद्रमा, राहु-केतु और ग्रहों का प्रभाव
3 मार्च को लगने वाले इस चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा सिंह राशि में स्थित होंगे और केतु के साथ युति में रहेंगे। वहीं राहु की प्रत्यक्ष दृष्टि चंद्रमा पर पड़ी रहेगी। इस स्थिति के कारण भावनाओं में उतार-चढ़ाव, मानसिक बेचैनी, निर्णय क्षमता में कमी और तनाव का अनुभव सामान्य से अधिक हो सकता है।जो लोग चंद्रमा से प्रभावित रहते हैं—जैसे कर्क, सिंह, वृश्चिक, मीन राशि के जातक—उन्हें इस दिन विशेष सावधानी और मानसिक शांति बनाए रखने की सलाह दी जाती है।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
साल 2026 का दूसरा चंद्र ग्रहण — 28 अगस्त 2026
वर्ष 2026 का दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अगस्त को लगेगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन भारत में यह कहीं भी दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा।यह ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, उत्तर अमेरिका, मध्य एशिया, रूस और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
2026 के दो सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2026)
साल 2026 में दो सूर्य ग्रहण लगेंगे, लेकिन दोनों ही भारत में दृश्य नहीं होंगे। इसलिए भारत में इनके लिए किसी भी प्रकार का सूतक काल लागू नहीं होगा।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
17 फरवरी 2026 — पहला सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse)
17 फरवरी को लगने वाला सूर्य ग्रहण कंकण सूर्य ग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। यह मुख्य रूप से जिम्बाब्वे, दक्षिण अफ्रीका, जाम्बिया, मोजाम्बिक, मॉरीशस, तंजानिया, दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों और अंटार्कटिका में देखा जाएगा।
12 अगस्त 2026 — दूसरा सूर्य ग्रहण
वर्ष 2026 का दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा। यह सूर्य ग्रहण आर्कटिक क्षेत्र, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, स्पेन, रूस और पुर्तगाल के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में उस समय दिन होने के कारण यह घटना लोगों को नहीं दिख पाएगी।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
ग्रहण क्या होता है? सूर्य और चंद्र ग्रहण कैसे लगते हैं?
चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर चंद्रमा को ढक लेती है और वह पृथ्वी की छाया में चला जाता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में छिप जाता है, जबकि आंशिक चंद्र ग्रहण में उसका केवल एक भाग प्रभावित होता है।सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर सूर्य को ढक लेता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण में सूर्य पूरी तरह से ढक जाता है, जबकि कंकण सूर्य ग्रहण में सूर्य के चारों ओर एक अंगूठी जैसा प्रकाश दिखाई देता है।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
ग्रहण काल में क्या करें?
ग्रहण काल को अध्यात्म और साधना का समय माना जाता है। इस समय मंत्र जाप, ध्यान, शिव-चंद्र आराधना, स्नान, दान और जाप करना अत्यंत फलदायी माना गया है। कई लोग घर में शांत वातावरण बनाकर ध्यान और दिव्य ऊर्जा को आकर्षित करने का प्रयास करते हैं। सूतक काल के दौरान खाद्य पदार्थों में तुलसी या कुश रखना शुभ माना जाता है।ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण करना, यात्रा करना, बाल-नाखून काटना, झगड़ा करना और गर्भवती महिलाओं का बाहर निकलना वर्जित माना गया है। ग्रहण काल में कोई भी शुभ कार्य करना निषेध माना जाता है।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
राशियों पर असर — चंद्र ग्रहण 2026 राशिफल प्रभाव
इस चंद्र ग्रहण का राशि अनुसार प्रभाव अलग-अलग प्रकार से पड़ सकता है। मेष राशि के जातकों के लिए यह समय मानसिक तनाव का हो सकता है, जबकि वृषभ राशि में पारिवारिक मतभेद बढ़ सकते हैं। मिथुन राशि वाले स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ सकते हैं, वहीं कर्क राशि के जातकों में भावनात्मक अस्थिरता बढ़ सकती है। सिंह राशि वालों के लिए यह ग्रहण अत्यधिक प्रभावशाली रहेगा और निर्णयों में भ्रम बढ़ सकता है।
कन्या में धन हानि की संभावना, तुला में साझेदारी में तनाव, वृश्चिक में नौकरी में बाधा, धनु में विदेश यात्रा योग, मकर में पारिवारिक दबाव, कुंभ में मानसिक खिंचाव और मीन राशि वालों के लिए पुराने कार्य पूर्ण होने के योग बन रहे हैं। प्रत्येक राशि के लिए मंत्र और दान के उपाय इस अवधि में सहायक हो सकते हैं।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
ग्रहण के दिन विशेष उपाय
ग्रहण के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना, चंद्र मंत्र ‘ॐ सोम सोमाय नमः’ का जाप, काले तिल को जल में प्रवाहित करना, सफेद वस्तुओं का दान, और मंदिर में दीपदान करना शुभ फल प्रदान करता है। यह समय नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने और सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करने का सर्वोत्तम अवसर माना गया है।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
निष्कर्ष
वर्ष 2026 में लगने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहेंगे। खासकर 3 मार्च का चंद्र ग्रहण भारत में ग्रस्तोदय रूप में दिखाई देगा और इसका सूतक काल भी मान्य होगा। 28 अगस्त का चंद्र ग्रहण तथा दोनों सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होंगे। ग्रहण का समय अध्यात्म, ध्यान, जप और दान के लिए बेहद शुभ माना जाता है।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
FOQ :Chandra Grahan Surya Grahan 2026
Q1. साल 2026 में कितने चंद्र और सूर्य ग्रहण लगेंगे?
2026 में कुल दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण लगेंगे। इनमें से एक चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा।
Q2. 3 मार्च 2026 का चंद्र ग्रहण भारत में कहां दिखेगा?
यह ग्रहण भारत के पूर्वोत्तर राज्यों – असम, अरुणाचल, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय और उत्तरी बंगाल में दिखाई देगा।
Q3. क्या 3 मार्च 2026 चंद्र ग्रहण का सूतक लगेगा?
हाँ, यह भारत में दृश्य होने के कारण इसका सूतक काल मान्य रहेगा।
Q4. अगस्त 2026 का पूर्ण चंद्र ग्रहण क्या भारत में दिखाई देगा?
नहीं, यह भारत में दृश्य नहीं होगा इसलिए सूतक मान्य नहीं होगा।
Q5. 2026 के सूर्य ग्रहण भारत में क्यों नहीं दिखेंगे?
क्योंकि ग्रहण का पथ भारत से बाहर रहेगा—इसलिए भारत में दृश्य नहीं होंगे और सूतक भी नहीं मान्य होगा।
Q6. ग्रहण के समय क्या करना चाहिए?
जप-ध्यान, शिव-चंद्र पूजा, दान और स्नान शुभ माना जाता है। भोजन, यात्रा और वाद-विवाद से बचना चाहिए।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
DISCLAIMER
यह लेख ज्योतिषीय मान्यताओं, पंचांग गणनाओं और खगोलीय तथ्यों पर आधारित है। ग्रहण का प्रभाव व्यक्ति की व्यक्तिगत कुंडली, ग्रह स्थिति और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। यहाँ दी गई कोई भी जानकारी चिकित्सा, धार्मिक या व्यावसायिक सलाह नहीं है। पाठक अपनी श्रद्धा और विवेक के साथ निर्णय लें।Chandra Grahan Surya Grahan 2026
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