मंगल के अस्त होने से जीवन में आती हैं 7 बड़ी कमियाँ – जानें उपाय, पूजा विधि और मंत्र Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra

Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra

Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को ऊर्जा, साहस, पराक्रम, भूमि, वाहन, और विवाह का कारक माना गया है। जब मंगल अस्त होता है — यानी सूर्य के अत्यधिक समीप आ जाता है और अपनी प्रभावशीलता खो देता है  तब इसका असर मानव जीवन के अनेक पहलुओं पर दिखाई देता है।
मंगल का अस्त होना व्यक्ति के साहस, आत्मविश्वास, स्वास्थ्य, वैवाहिक सुख, निर्णय क्षमता और संपत्ति से जुड़े मामलों को प्रभावित कर सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि मंगल के अस्त होने से कौन-कौन सी कमियाँ उत्पन्न होती हैं और किन उपायों से उन्हें दूर किया जा सकता है।

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1. आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता में कमी

मंगल का सीधा संबंध हिम्मत और आत्मविश्वास से होता है। जब यह ग्रह अस्त हो जाता है, व्यक्ति में निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है और वह जल्दी डर या संदेह में पड़ जाता है।
इस दौरान लिए गए निर्णय कई बार गलत साबित होते हैं। कार्यस्थल पर पहल करने का साहस घटता है और प्रतिस्पर्धा से डर लगने लगता है।Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra

उपाय:

  1. प्रतिदिन प्रातःकाल “ॐ अं अंगारकाय नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।
  2. मंगलवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर और तेल चढ़ाएं।
  3. मसूर दाल का दान करें।
  4. लाल वस्त्र और लाल मसाले घर में दक्षिण दिशा में रखें।

2. स्वास्थ्य और ऊर्जा में गिरावट

मंगल शरीर की शक्ति और रक्त संचार का कारक है। जब यह अस्त होता है, तब व्यक्ति को थकान, कमजोरी, रक्त की कमी या सिरदर्द जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।पुरुषों में स्टैमिना कम होता है और मानसिक तनाव बढ़ता है।Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra

उपाय:

  1. प्रतिदिन सुबह तांबे के पात्र में जल पीएं।
  2. मंगलवार को लाल चंदन का तिलक करें।
  3. ॐ भौमाय नमः” का जप करें।
  4. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ लाभदायक है।
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3. वैवाहिक जीवन में तनाव

मंगल ग्रह विवाह और दांपत्य जीवन से गहराई से जुड़ा है। जब यह अस्त होता है, तो पति-पत्नी में मतभेद, झगड़े या दूरियां बढ़ सकती हैं। विशेषकर जिनकी कुंडली में मंगल दोष (कुज दोष) है, उनके लिए यह समय चुनौतीपूर्ण होता है।Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra

उपाय:

  1. मंगलवार के दिन गौरी-गणेश पूजन करें।
  2. पति-पत्नी मिलकर “ॐ मंगलाय नमः” का 108 बार जप करें।
  3. हनुमान जी को लाल पुष्प अर्पित करें।
  4. मंगलवार को ब्रह्मचर्य और संयम का पालन करें।

4. भूमि, संपत्ति और वाहन से जुड़े रुकावटें

मंगल भूमि और भवन का स्वामी है। इसके अस्त होने से जमीन-जायदाद के सौदे अटक जाते हैं, निर्माण कार्य रुक सकता है, या वाहन संबंधित खर्च बढ़ सकता है।Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra

उपाय:

  1. मंगलवार को लाल झंडा किसी मंदिर में चढ़ाएं।
  2. घर में दक्षिण दिशा की दीवार पर मंगल यंत्र स्थापित करें।
  3. भूमि खरीद या बिक्री से जुड़े कार्यों को मंगल उदय होने तक टालें।
  4. ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का जप करें।

5. क्रोध और आक्रामकता में वृद्धि

मंगल की स्थिति असंतुलित होने पर व्यक्ति में अनुचित गुस्सा, आक्रामक व्यवहार और अधीरता बढ़ती है। अस्त मंगल व्यक्ति को जल्दबाजी और गलती की ओर ले जा सकता है।Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra

उपाय:

  1. हनुमान मंदिर जाकर “संकटमोचन स्तोत्र” का पाठ करें।
  2. रोजाना 5 मिनट प्राणायाम और ध्यान करें।
  3. मंगलवार के दिन गुड़ और चना बंदरों को खिलाएं।
  4. लाल माणिक (Ruby) धारण न करें जब तक मंगल पुनः उदय न हो जाए।

Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra

6. करियर और प्रोफेशनल जीवन में रुकावटें

मंगल का अस्त होना नौकरी या व्यवसाय में रुकावटें, प्रतियोगिता में हार, या प्रमोशन में देरी का कारण बन सकता है। कार्यक्षेत्र में झगड़े या मतभेद भी बढ़ते हैं।Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra

उपाय:

  1. मंगलवार को लाल झंडा किसी शिव मंदिर में चढ़ाएं।
  2. घर के दक्षिण कोने में लाल कपड़ा रखें।
  3. ॐ कर्जमोचनाय नमः” मंत्र से प्रार्थना करें।
  4. बुजुर्गों का आशीर्वाद अवश्य लें।

7. रक्त, अग्नि या चोट से संबंधित समस्याएँ

मंगल अग्नि तत्व का प्रतीक है। इसके अस्त होने से अचानक दुर्घटना, चोट या जलन का भय बढ़ सकता है। विशेषकर वाहन चलाते समय सावधानी जरूरी है।Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra

उपाय:

  1. मंगलवार को किसी जरूरतमंद को लाल वस्त्र दान करें।
  2. वाहन चलाते समय “ॐ हनुमते नमः” का जप करें।
  3. अग्नि और धारदार वस्तुओं से सावधानी रखें।
  4. घर में हनुमान चालीसा का पाठ वातावरण को सुरक्षित बनाता है।

मंगल अस्त के दौरान विशेष पूजा विधि

  1. मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करें।
  2. लाल आसन पर बैठकर मंगल देव का ध्यान करें।
  3. तांबे के पात्र में जल, लाल फूल, चंदन और गुड़ अर्पित करें।
  4. ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” का 108 बार जप करें।
  5. हनुमान चालीसा और मंगल कवच का पाठ करें।
  6. पूजा के अंत में परिवार की सुख-शांति की प्रार्थना करें।Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra

Frequently Asked Questions (FAQ)

Q1. मंगल अस्त कब तक रहेगा?
यह अवधि हर वर्ष भिन्न होती है और सूर्य के गोचर पर निर्भर करती है। प्रायः 40–45 दिनों तक मंगल अस्त रहता है।

Q2. मंगल अस्त के दौरान विवाह करना उचित है?
ज्योतिष के अनुसार, मंगल अस्त काल में विवाह, भूमि खरीद या नया वाहन लेना अशुभ माना जाता है।

Q3. क्या मंगल अस्त का असर सभी राशियों पर समान होता है?
नहीं, यह प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति पर निर्भर करता है।

Q4. क्या मंगल अस्त के दौरान रत्न धारण करना ठीक है?
नहीं, इस अवधि में लाल माणिक या कोरल धारण करने से बचना चाहिए।Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra


Disclaimer (अस्वीकरण)

यह लेख वैदिक ज्योतिषीय मान्यताओं और धार्मिक परंपराओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी प्रदान करना है। किसी भी व्यक्तिगत उपाय या रत्न धारण करने से पहले योग्य ज्योतिषाचार्य से सलाह लेना आवश्यक है।Mangal Ast Ke Prabhav Upay Mantra

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