मार्गशीर्ष पूर्णिमा: तिथि, पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त की पूरी जानकारी”Margashirsha Purnima 4 December2025

Margashirsha Purnima 4 December2025

Margashirsha Purnima 4 December2025 4 दिसंबर 2025 की मार्गशीर्ष पूर्णिमा अत्यंत शुभ और फलदायी मानी गई है। यह पूर्णिमा न सिर्फ़ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत प्रभावशाली है। मार्गशीर्ष मास का उल्लेख वेदों, पुराणों और भागवत महापुराण में मिलता है, जहाँ इसे “श्रीकृष्ण का प्रिय मास” कहा गया है। इस दिन किया गया दान, व्रत और मंत्र-साधना अनेक गुना फल देती है। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 4 दिसंबर सुबह 8:37 बजे से शुरू होकर 5 दिसंबर सुबह 4:43 बजे तक रहेगी। उदयातिथि 4 दिसंबर को होने के कारण इसी दिन व्रत, पूजा और दान करना श्रेष्ठ माना गया है।

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा का धार्मिक महत्त्व

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का वर्णन श्रीमद्भागवत महापुराण, पद्मपुराण और स्कंदपुराण जैसे ग्रंथों में बार-बार मिलता है, जहाँ यह बताया गया है कि इस मास में पूर्णिमा का व्रत मनुष्य को देवता तुल्य पुण्य प्रदान करता है। यह पूर्णिमा भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित है और इस दिन की गई पूजा से आत्मिक शांति, ऋण-मुक्ति और पापों का क्षय माना जाता है। पुराणों के अनुसार मार्गशीर्ष वह काल है जब धरती पर विशेष दिव्य ऊर्जा सक्रिय होती है और इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों का प्रतिफल सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक होता है।Margashirsha Purnima 4 December2025


पूर्णिमा तिथि एवं व्रत का समय

4 दिसंबर 2025 को सुबह उदय होते ही पूर्णिमा तिथि विद्यमान रहती है, इसलिए शास्त्रों के अनुसार इसी दिन व्रत रखना, स्नान-दान करना और भगवान श्रीविष्णु की पूजा करना अत्यंत शुभ बताया गया है। ब्रह्ममुहूर्त से लेकर प्रातःकाल तक नदी या घर पर गंगाजल मिले जल से स्नान कर, संकल्प लेकर व्रत प्रारंभ किया जाता है। पूर्णिमा का व्रत मानसिक दृढ़ता, मन की शुद्धि और नकारात्मक ऊर्जा के नाश का प्रमुख माध्यम माना गया है।Margashirsha Purnima 4 December2025


मार्गशीर्ष पूर्णिमा की पूजा-विधि 

शास्त्रों में बताया गया है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल स्नान कर भगवान श्रीविष्णु और लक्ष्मीनारायण की पूजा की जानी चाहिए। गीता, विष्णु सहस्रनाम और नारायण कवच का पाठ इस दिन विशेष फल देता है। भगवान को तुलसी दल, पीली वस्तुएं, चावल, दूध और पंचामृत अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि का प्रवेश होता है। शाम के समय दीपदान करना अत्यंत शुभ माना गया है; मान्यता है कि इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर की नकारात्मक शक्तियाँ समाप्त होती हैं। कई ग्रंथों में यह भी वर्णित है कि इस दिन गो-दान, अन्न-दान और वस्त्र-दान का अत्यधिक फल मिलता है।Margashirsha Purnima 4 December2025


मार्गशीर्ष पूर्णिमा का ज्योतिषीय महत्त्व

इस पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी संपूर्ण कला में रहता है, जिससे मनुष्य की मानसिक ऊर्जा अत्यधिक सक्रिय हो जाती है। जब चंद्रमा पूर्णता के साथ प्रकाश फैलाता है, तब भावनात्मक संतुलन, निर्णय-क्षमता और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। मार्गशीर्ष मास श्रीकृष्ण का प्रिय मास है, अतः इस दिन चंद्रमा के प्रभाव को द्विगुण फलकारी माना गया है। ज्योतिष में पूर्णिमा को मन का कारक माना गया है, इसलिए ध्यान-साधना, जप-तप और मानसिक शांति के लिए यह दिन अत्यंत श्रेष्ठ है। चंद्रमा रोहिणी या मृगशीर्ष नक्षत्र में होने पर यह पूर्णिमा और भी अधिक फलवर्धक मानी जाती है।Margashirsha Purnima 4 December2025


Margashirsha Purnima 4 December2025

इस दिन क्या करें और क्या न करें

शास्त्रों में इस दिन विशेष रूप से सत्संग, ध्यान और दान को अत्यंत फलदायी बताया गया है। सुबह स्नान के बाद गंगाजल का छिड़काव कर घर को पवित्र किया जाता है, और दिनभर संयम, वाणी-संयम तथा सात्विक आहार का पालन करने की सलाह दी गई है। इस दिन क्रोध, आलस्य, नकारात्मक सोच और किसी भी प्रकार के विवाद से दूर रहना चाहिए। चंद्रमा की ऊर्जा को स्थिर रखने के लिए रात्रि में चंद्र दर्शन कर गाय के घी का दीपक जलाने का विशेष महत्त्व बताया गया है।Margashirsha Purnima 4 December2025

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा का दान-पुण्य

वैदिक ग्रंथों में मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर अन्न, फल, कंबल, वस्त्र, पीली वस्तुएं, तिल, गुड़ और गौ-सेवा को सर्वोत्तम दान माना गया है। कहा गया है कि इस दिन किया गया दान सीधे विष्णुलोक तक जाता है और मनुष्य को जीवन में स्थायी सुख-समृद्धि प्रदान करता है। ब्रह्म वैवर्त पुराण में उल्लेख है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर किया गया तिलदान पितरों को तृप्त कर, वंश में आशीर्वाद और दीर्घायु प्रदान करता है।Margashirsha Purnima 4 December2025


राशियों पर पड़ने वाला प्रभाव (ज्योतिष अनुसार)

चंद्रमा के पूर्णत्व में होने से इस पूर्णिमा का प्रभाव अलग-अलग राशियों पर भी दिखाई देता है। कुछ राशियों में यह दिन मानसिक ऊर्जा, नए अवसर और धन लाभ के योग बनाता है, जबकि कुछ राशि जातकों के लिए यह आत्मचिंतन और निर्णय-संतुलन का समय लेकर आता है। जिनकी कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थान पर है, उन्हें विशेष लाभ और सफलता मिलने की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। वहीं जिन जातकों के चंद्रमा कमजोर हैं, उनके लिए इस दिन मंत्र-जप और ध्यान करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।Margashirsha Purnima 4 December2025


निष्कर्ष

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय सभी दृष्टियों से अत्यंत शुभ और विशेष है। यह दिन आत्मिक उन्नति, धन-समृद्धि, मानसिक शांति और पारिवारिक सौभाग्य प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर प्रदान करता है। वेदों और पुराणों में भी इस दिन का जो महत्त्व बताया गया है, वह स्पष्ट करता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत और पूजा जीवन में सकारात्मकता, सौभाग्य और दिव्य ऊर्जा का प्रवेश कराती है।Margashirsha Purnima 4 December2025


FOQ – Margashirsha Purnima 4 December 2025

1. मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 कब है?

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 की तिथि 4 दिसंबर सुबह 08:37 बजे से शुरू होकर 5 दिसंबर सुबह 04:43 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार व्रत-पूजा 4 दिसंबर को की जाएगी।

2. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर क्या करें?

इस दिन भगवान विष्णु, देवगुरु बृहस्पति और लक्ष्मी जी की पूजा करें। स्नान-दान, कथा, दीपदान, तिलदान और गो-सेवा अत्यंत शुभ मानी जाती है।

3. मार्गशीर्ष पूर्णिमा का धार्मिक महत्व क्या है?

शास्त्रों में इसे अत्यंत पुण्यदायी पूर्णिमा कहा गया है। पद्म पुराण और विष्णु धर्मोत्तर पुराण के अनुसार इस दिन किए गए दान का फल कई गुना मिलता है और पाप नष्ट होते हैं।

4. क्या मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर व्रत रखा जाता है?

हाँ, भक्त पूर्णिमा व्रत रखते हैं और दिनभर सात्त्विक आहार लेकर विष्णु जी की पूजा करते हैं।

5. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर कौन-सा दान श्रेष्ठ है?

इस दिन तिल, अन्न, वस्त्र, घी, सोना, गौ-दान, दीपदान और धूप-दीप का दान अत्यंत शुभ बताया गया है।Margashirsha Purnima 4 December2025


 Disclaimer

यह लेख हिंदू कैलेंडर, प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों और उपलब्ध पंचांग जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। तिथियों में स्थानीय पंचांग मतांतर संभव है। पूजा-व्रत करने से पहले अपने क्षेत्र के पंडित या स्थानीय पंचांग से पुष्टि अवश्य करें। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान का परिणाम व्यक्ति की श्रद्धा और विश्वास पर निर्भर करता है।Margashirsha Purnima 4 December2025

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