
Mundan Muhurat 2026 मुंडन संस्कार या चूड़ाकरण हिंदू धर्म में जन्म के बाद किए जाने वाले प्रमुख संस्कारों में से एक है। यह शिशु को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करने का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जन्म के समय बच्चे के सिर पर मौजूद बाल ‘पूर्व जन्मों के ऋण’ का प्रतीक होते हैं। इसलिए मुंडन कराकर शिशु को एक नए और शुभ जीवन की शुरुआत दिलाई जाती है। वहीं लड़कों के लिए विषम वर्षों में और लड़कियों के लिए सम वर्षों में मुंडन कराना शुभ माना जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टि से भी मुंडन संस्कार बेहद महत्वपूर्ण है। गर्भावस्था के दौरान बच्चे के बालों में कई प्रकार के जीवाणु और अशुद्धियाँ लग जाती हैं, जो सामान्य धुलाई से पूरी तरह नहीं निकलतीं। मुंडन के माध्यम से ये सभी अशुद्धियाँ दूर हो जाती हैं। इसके अलावा, सिर पर सूर्य की किरणें पड़ने से विटामिन-D का प्राकृतिक उत्पादन होता है जो बच्चे के मस्तिष्क विकास और हड्डियों के लिए लाभकारी है। मुंडन के बाद रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जिससे भविष्य में बाल अधिक घने और स्वस्थ उगते हैं।Mundan Muhurat 2026
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Mundan Muhurat 2026
जनवरी 2026 मुंडन मुहूर्त
| दिन | तिथि | आरंभ काल | समाप्ति काल |
|---|---|---|---|
| बुधवार | 21 जनवरी | 06:44:55 | 26:49:45 |
| गुरुवार | 29 जनवरी | 07:32:48 | 13:57:46 |
फरवरी 2026 मुंडन मुहूर्त
| दिन | तिथि | आरंभ काल | समाप्ति काल |
|---|---|---|---|
| बुधवार | 11 फरवरी | 10:53:42 | 30:35:57 |
| गुरुवार | 12 फरवरी | 06:35:19 | 13:43:22 |
| बुधवार | 18 फरवरी | 17:00:10 | 21:16:55 |
| गुरुवार | 26 फरवरी | 06:24:21 | 12:12:19 |
| शुक्रवार | 27 फरवरी | 10:49:45 | 22:35:23 |
मार्च 2026 मुंडन मुहूर्त
| दिन | तिथि | आरंभ काल | समाप्ति काल |
|---|---|---|---|
| शुक्रवार | 06 मार्च | 09:30:33 | 17:56:15 |
| सोमवार | 16 मार्च | 09:43:52 | 30:06:54 |
| बुधवार | 25 मार्च | 05:57:31 | 13:52:38 |
| शुक्रवार | 27 मार्च | 10:09:19 | 29:55:26 |
अप्रैल 2026 मुंडन मुहूर्त
| दिन | तिथि | आरंभ काल | समाप्ति काल |
|---|---|---|---|
| शुक्रवार | 03 अप्रैल | 08:45:15 | 29:48:09 |
| सोमवार | 13 अप्रैल | 05:38:05 | 25:11:48 |
| गुरुवार | 23 अप्रैल | 05:28:53 | 20:52:05 |
मई 2026 मुंडन मुहूर्त
| दिन | तिथि | आरंभ काल | समाप्ति काल |
|---|---|---|---|
| शुक्रवार | 01 मई | 05:22:23 | 22:55:30 |
| सोमवार | 04 मई | 09:58:33 | 29:27:40 |
| सोमवार | 11 मई | 15:27:41 | 25:29:33 |
जून 2026 मुंडन मुहूर्त:Mundan Muhurat 2026
| दिन | तिथि | आरंभ काल | समाप्ति काल |
|---|---|---|---|
| बुधवार | 17 जून | 05:07:23 | 21:41:34 |
| बुधवार | 24 जून | 05:08:44 | 29:08:44 |
| गुरुवार | 25 जून | 05:09:00 | 16:30:01 |
जुलाई 2026 मुंडन मुहूर्त
| दिन | तिथि | आरंभ काल | समाप्ति काल |
|---|---|---|---|
| गुरुवार | 02 जुलाई | 09:28:01 | 29:11:12 |
| शुक्रवार | 03 जुलाई | 05:11:32 | 11:23:02 |
| गुरुवार | 09 जुलाई | 10:40:21 | 14:56:58 |
| बुधवार | 15 जुलाई | 11:53:40 | 21:47:53 |
| सोमवार | 20 जुलाई | 19:10:23 | 28:04:58 |
मुंडन संस्कार का महत्व – धार्मिक व वैज्ञानिक दृष्टि से
मुंडन संस्कार (चूड़ाकरण) जन्म के बाद शिशु के प्रथम संस्कारों में से एक है।
इसका उद्देश्य शिशु को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करना माना गया है।Mundan Muhurat 2026
धार्मिक मान्यता
- जन्मकालीन केश ‘पूर्व जन्म के ऋणों’ का प्रतीक माने जाते हैं।
- मुंडन करने से बालक नए जीवन की ओर अग्रसर होता है।
- विषम वर्ष में लड़कों का और सम वर्ष में लड़कियों का मुंडन शुभ माना गया है।Mundan Muhurat 2026
वैज्ञानिक कारण
- गर्भ के दौरान बालों में लगे जीवाणु सामान्य धुलाई से नहीं जाते; मुंडन से हट जाते हैं।
- सिर पर सूर्य की किरणें पड़ने से विटामिन-D मिलता है, मस्तिष्क मज़बूत होता है।
- रक्त प्रवाह सुधरता है और भविष्य में बाल अधिक स्वस्थ होते हैं।Mundan Muhurat 2026
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मुंडन के लिए शुभ मास, तिथि, नक्षत्र
मुंडन के लिए शुभ मास
चैत्र, वैशाख, आषाढ़ (एकादशी से पूर्व), माघ, फाल्गुन।
शुभ तिथियाँ
द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी।
शुभ वार
सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार।
(ध्यान: शुक्रवार को बालिकाओं का मुंडन न करें)
शुभ नक्षत्र
अश्विनी, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, पुनर्वसु, चित्रा, स्वाति, ज्येष्ठा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा।Mundan Muhurat 2026
मुंडन संस्कार के प्रमुख लाभ
मुंडन संस्कार बच्चे के स्वास्थ्य और विकास के लिए कई तरह से लाभकारी होता है। मुंडन के बाद शिशु के शरीर का तापमान संतुलित रहता है और मस्तिष्क ठंडा रहता है, जिससे उसकी मानसिक स्थिरता बढ़ती है। दांत निकलने के समय होने वाला दर्द भी बच्चे को कम महसूस होता है। सिर की त्वचा सूर्य के संपर्क में आने से विटामिन-D मिलता है, जिससे कोशिकाओं में रक्त प्रवाह बेहतर होता है और भविष्य में बाल घने और मजबूत होकर उगते हैं। इसके अतिरिक्त, मुंडन से बच्चे के शरीर में तेज, बल, ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है।Mundan Muhurat 2026
मुंडन के लिए शुभ समय – मास, तिथि, नक्षत्र और वार
पंचांग के अनुसार, मुंडन के लिए कुछ विशेष मास अत्यंत शुभ माने गए हैं। चैत्र, वैशाख, माघ, फाल्गुन और आषाढ़ (एकादशी से पहले) मास मुंडन संस्कार के लिए श्रेष्ठ होते हैं। इसके अलावा, द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी तिथियाँ इस संस्कार को करने के लिए शुभ मानी जाती हैं। वारों की बात करें तो सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार मुंडन के लिए उपयुक्त हैं, हालांकि शुक्रवार को बालिकाओं का मुंडन न करने की सलाह दी गई है। शुभ नक्षत्रों में अश्विनी, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, पुनर्वसु, चित्रा, स्वाति, ज्येष्ठा, श्रवण, धनिष्ठा और शतभिषा विशेष रूप से श्रेष्ठ बताए गए हैं।
FAQs – Mundan Muhurat 2026
Q1. मुंडन कब कराना चाहिए?
जन्म के बाद 1 वर्ष के भीतर या 3, 5 व 7 वर्ष में कराना शुभ होता है।
Q2. लड़कियों का मुंडन कब शुभ माना जाता है?
सम वर्षों में — 2, 4, 6 वर्ष की आयु में।
Q3. सबसे शुभ नक्षत्र कौन से हैं?
पुष्य, अश्विनी और हस्त नक्षत्र विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
Q4. क्या मुहूर्त न होने पर मुंडन करना ठीक है?
शुभ मुहूर्त में ही करना सर्वोत्तम होता है। विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श उचित है।
Q5. क्या चैत्र-वैशाख में मुंडन जरूरी है?
ये मास सबसे शुभ माने जाते हैं, इसलिए प्राथमिकता दी जाती है।Mundan Muhurat 2026
DISCLAIMER
यह मुंडन मुहूर्त वाराणसी, भारत के पंचांग व ज्योतिषीय गणना के आधार पर तैयार किया गया है।स्थानीय स्थान, जन्म विवरण और कुल परंपरा के अनुसार मुहूर्त बदल सकता है।अतः संस्कार कराने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।Mundan Muhurat 2026
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