Panchang 3 October 2025: 3 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि रहेगी, जिसे पापांकुशा एकादशी कहा जाता है। यह तिथि 2 अक्टूबर की शाम 7:11 बजे से प्रारंभ होकर 3 अक्टूबर को शाम 6:33 बजे तक रहेगी। उसके बाद द्वादशी तिथि का आरंभ होगा। एकादशी व्रत का विशेष महत्व है और इसे पापों से मुक्ति प्रदान करने वाला कहा गया है।
वार (शुक्रवार का महत्व)
शुक्रवार का संबंध माता लक्ष्मी और शुक्र ग्रह से है। इस दिन व्रत करने से धन-संपत्ति और सौभाग्य में वृद्धि होती है। शुक्रवार को किए गए उपाय विशेष रूप से भोग-विलास, सौंदर्य और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।Panchang 3 October 2025
नक्षत्र (श्रवण और धनिष्ठा)
- श्रवण नक्षत्र 3 अक्टूबर की सुबह 9:34 बजे तक रहेगा। यह नक्षत्र भगवान विष्णु का नक्षत्र माना जाता है और धार्मिक कार्यों, पूजा-पाठ और शिक्षा के लिए शुभ होता है।
- 9:34 बजे के बाद धनिष्ठा नक्षत्र आरंभ होगा, जो 4 अक्टूबर की सुबह 9:09 बजे तक रहेगा। धनिष्ठा नक्षत्र में यात्रा, संपत्ति संबंधी कार्य, और धन-संपत्ति से जुड़े कार्य करना शुभ माना गया है।Panchang 3 October 2025
योग (धृति और शूल)
- धृति योग 3 अक्टूबर रात 9:45 बजे तक रहेगा। यह योग स्थिरता और धैर्य प्रदान करने वाला है।
- 9:45 बजे के बाद शूल योग आरंभ होगा, जिसे कार्यों में रुकावट और मानसिक तनाव देने वाला माना जाता है। ऐसे में रात्रि कालीन शुभ कार्य टालना ही उचित रहेगा।
करण (वणिज, विष्टि, बव और बालव)
- वणिज करण – सुबह 6:58 बजे तक
- विष्टि करण – सुबह 6:58 बजे से शाम 6:33 बजे तक
- बव करण – शाम 6:33 बजे से अगले दिन सुबह 5:57 बजे तक
- बालव करण – 4 अक्टूबर को सुबह 5:57 से शाम 5:09 बजे तक
करण का महत्व है कि किस समय कौन सा कार्य किया जाए। विष्टि करण को भद्रा भी कहते हैं और इसमें मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं।
चन्द्रमा की स्थिति
इस दिन चंद्रमा दिनभर मकर राशि में रहेगा और रात्रि 9:27 बजे के बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। मकर राशि का चंद्र मन को स्थिर बनाता है, जबकि कुंभ राशि का चंद्र नए विचार और रचनात्मकता को प्रेरित करता है।Panchang 3 October 2025
सूर्य की स्थिति
सूर्य इस समय कन्या राशि में गोचर कर रहा है। कन्या राशि में सूर्य का होना शिक्षा, विश्लेषण, चिकित्सा और सेवा कार्यों में लाभकारी होता है।Panchang 3 October 2025
सूर्योदय और सूर्यास्त
- सूर्योदय – सुबह 6:23 बजे
- सूर्यास्त – शाम 6:08 बजे
चन्द्रोदय और चन्द्रास्त
- चन्द्रोदय – शाम 3:44 बजे
- चन्द्रास्त – 4 अक्टूबर को सुबह 3:11 बजे
अशुभ काल
- राहुकाल – 10:47 AM से 12:15 PM तक
- यमगण्ड – 3:12 PM से 4:40 PM तक
- गुलिक काल – 7:51 AM से 9:19 AM तक
- दुर्मुहूर्त – 8:44 AM से 9:31 AM और 12:39 PM से 1:26 PM तक
- वर्ज्य काल – 1:30 PM से 3:04 PM तक
शुभ काल:Panchang 3 October 2025
- अभिजीत मुहूर्त – 11:52 AM से 12:39 PM तक
- अमृत काल – 10:55 PM से 12:29 AM तक
- ब्रह्म मुहूर्त – 4:47 AM से 5:35 AM तक
त्यौहार और व्रत
- पापांकुशा एकादशी – इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और उपवास करने से पापों का नाश होता है।
- भारत मिलाप – अयोध्या में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और भरत के पुनर्मिलन का पर्व मनाया जाता है।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1: 3 अक्टूबर 2025 को कौन सा व्रत है?
इस दिन पापांकुशा एकादशी और भारत मिलाप पर्व है।
Q2: 3 अक्टूबर को राहुकाल कब है?
सुबह 10:47 बजे से 12:15 बजे तक राहुकाल रहेगा।
Q3: इस दिन कौन से नक्षत्र रहेंगे?
सुबह 9:34 बजे तक श्रवण नक्षत्र और उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा।
Q4: क्या इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग है?
हाँ, श्रवण नक्षत्र और शुक्रवार के संयोग से सुबह 6:23 बजे से 9:34 बजे तक सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा।Panchang 3 October 2025
Disclaimer
यह पंचांग द्रिक गणना और परंपरागत मान्यताओं के आधार पर तैयार किया गया है। स्थान, देश और परंपरा के अनुसार समय में अंतर हो सकता है। किसी विशेष कार्य हेतु स्थानीय पंडित या ज्योतिषाचार्य की सलाह लेना उचित है।Panchang 3 October 2025
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