Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय
हिंदू पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा हर वर्ष आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह वह दिन होता है जब चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ पृथ्वी पर अमृत वर्षा करता है।
2025 में शरद पूर्णिमा सोमवार, 6 अक्टूबर को पड़ेगी।
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 6 अक्टूबर 2025, सुबह 12:25 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 7 अक्टूबर 2025, सुबह 09:15 बजे
इस दिन चंद्रमा अपनी पूरी 16 कलाओं से युक्त होता है और कहा जाता है कि इस रात की चाँदनी में औषधीय गुण होते हैं।
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शरद पूर्णिमा की रात खीर चाँदनी में क्यों रखते हैं?
शरद पूर्णिमा की रात को चाँदनी में खीर रखने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।
ऐसा माना जाता है कि इस रात चाँद की रोशनी में अमृत तत्व का संचार होता है, जो शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है।
खीर को चाँदी या मिट्टी के बर्तन में बनाकर, रातभर चाँदनी में रखा जाता है ताकि उसमें चंद्रमा की किरणों का अमृत समा जाए।
सुबह उस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।Sharad Purnima 2025
आयुर्वेद के अनुसार, इस दिन चाँद की किरणों में ठंडक और औषधीय गुण होते हैं, जो पित्त और मानसिक तनाव को दूर करते हैं।
शरद पूर्णिमा से जुड़ी धार्मिक कथा
शास्त्रों में बताया गया है कि एक बार गोकुल में सभी गोपिकाएं पूर्णिमा की रात को भगवान श्रीकृष्ण के साथ रासलीला में सम्मिलित हुई थीं।
कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने उस रात अपनी माया से हर गोपी के साथ नृत्य किया, ताकि किसी को भी अकेलापन महसूस न हो।
इस पावन रात को “रास पूर्णिमा” भी कहा जाता है।Sharad Purnima 2025
भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की इस दिव्य लीला को स्मरण करने के लिए ही शरद पूर्णिमा की रात को उत्सव, भजन और खीर अर्पण किया जाता है।
एक अन्य कथा के अनुसार, चंद्रदेव ने भगवान विष्णु की आराधना करके इस दिन अमृत समान किरणों की प्राप्ति की थी। इसलिए इस दिन की चाँदनी को अमृतमयी कहा गया है।Sharad Purnima 2025
शरद पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि
शरद पूर्णिमा के दिन व्रत रखने का भी विशेष महत्व है। भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं।
फिर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा की जाती है।
पूजा विधि इस प्रकार है:
- घर के आंगन या छत पर सफेद कपड़ा बिछाएं।
- चांदी या मिट्टी के पात्र में खीर बनाएं।
- भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी को खीर का भोग लगाएं।
- फिर वह खीर चाँदनी में रखकर रातभर अमृत किरणों को ग्रहण करने दें।
- अगली सुबह परिवार के सभी सदस्य वह खीर प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।
यह व्रत धन-संपत्ति, स्वास्थ्य, और दीर्घायु की कामना से किया जाता है।Sharad Purnima 2025
शरद पूर्णिमा का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
धार्मिक दृष्टि से:
शरद पूर्णिमा की रात लक्ष्मी जी के पृथ्वी पर आगमन की मानी जाती है। जो व्यक्ति इस दिन जागरण करता है और विष्णु-लक्ष्मी की आराधना करता है, उसे अखंड सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
वैज्ञानिक दृष्टि से:
शरद ऋतु में मौसम परिवर्तन के कारण शरीर में गर्मी और पित्त की वृद्धि होती है।
इस दिन चाँदनी में रखी ठंडी खीर खाने से शरीर का तापमान संतुलित रहता है और नींद की गुणवत्ता बढ़ती है।Sharad Purnima 2025
इस दिन क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
- सफेद वस्त्र धारण करें।
- लक्ष्मी-नारायण की आराधना करें।
- जरूरतमंदों को खीर, वस्त्र या अन्न दान करें।
क्या न करें:
- इस दिन क्रोध, निंदा या झूठ बोलने से बचें।
- चाँद के दर्शन बिना पूजा किए न करें।
- रात में मांसाहार या मद्यपान बिल्कुल न करें।Sharad Purnima 2025
FOQ (Frequently Asked Questions)
प्र.1: शरद पूर्णिमा 2025 कब है?
उत्तर: शरद पूर्णिमा 2025 सोमवार, 6 अक्टूबर को है।
प्र.2: शरद पूर्णिमा पर खीर चाँदनी में क्यों रखी जाती है?
उत्तर: क्योंकि इस रात चाँद की किरणों में अमृत तत्व माना जाता है जो शरीर और मन के लिए लाभकारी होता है।
प्र.3: क्या इस दिन व्रत रखना आवश्यक है?
उत्तर: हाँ, जो भक्त विष्णु-लक्ष्मी जी की कृपा चाहते हैं, वे उपवास या फलाहार व्रत रख सकते हैं।
प्र.4: क्या शरद पूर्णिमा की रात जागरण का महत्व है?
उत्तर: हाँ, इस दिन लक्ष्मी जी पृथ्वी पर आती हैं, इसलिए जागरण और कीर्तन शुभ माना गया है।Sharad Purnima 2025
Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक आस्था, पुराणों और पंचांग के आधार पर लिखी गई है। इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है। किसी भी पूजा या अनुष्ठान से पहले अपने पंडित या धर्मगुरु से परामर्श अवश्य करें।
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