SURYA GRAH SHANTI UPAY :सूर्य ग्रह शांति एवं उपाय,मंत्र,अर्घ्य विधि और रुद्राक्ष
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा, आत्मविश्वास, पिता, सरकारी नौकरी, मान-सम्मान और समाज में प्रतिष्ठा का कारक माना गया है। यदि सूर्य शुभ स्थान में हो तो व्यक्ति को जीवन में सफलता, प्रसिद्धि और नेतृत्व क्षमता प्राप्त होती है। लेकिन यदि सूर्य कमजोर, अस्त या अशुभ स्थिति में हो तो यह जीवन में संघर्ष और परेशानियाँ बढ़ा देता है। विशेषकर करियर, स्वास्थ्य और पिता के संबंधों में कठिनाइयाँ आने लगती हैं। इसलिए सूर्य को मजबूत बनाना बेहद ज़रूरी है।SURYA GRAH SHANTI UPAY
सूर्य कब खराब फल देता है?SURYA GRAH SHANTI UPAY
सूर्य तब खराब फल देता है जब वह जन्म कुंडली में नीच राशि यानी तुला में स्थित हो। इस स्थिति में व्यक्ति के आत्मविश्वास में कमी आती है और जीवन में निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है। यदि सूर्य छठे, आठवें या बारहवें भाव में बैठा हो तो भी यह कई प्रकार की बाधाएँ उत्पन्न करता है। छठे भाव में सूर्य होने पर व्यक्ति को शत्रुओं और ऋण से परेशानियाँ आती हैं।
आठवें भाव का सूर्य अचानक घटनाओं, चोट और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। बारहवें भाव का सूर्य विदेश यात्रा तो देता है लेकिन खर्चे और मानसिक अशांति भी बढ़ा देता है। इसके अलावा जब सूर्य शनि या शुक्र के साथ बहुत निकट आकर अस्त हो जाता है, तब भी यह अपना शुभ फल देने में असमर्थ हो जाता है। राहु या केतु की युति या दृष्टि होने पर सूर्य के दोष और बढ़ जाते हैं।
सूर्य खराब होने से क्या नुकसान होते हैं?:SURYA GRAH SHANTI UPAY
सूर्य के कमजोर होने पर सबसे पहले पिता से मतभेद या पिता के स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियाँ सामने आती हैं। करियर में उन्नति रुक जाती है, सरकारी नौकरी में पदोन्नति नहीं मिलती और सरकारी कार्यों में बार-बार रुकावट आती है। आत्मविश्वास की कमी के कारण व्यक्ति समाज में अपने विचार खुलकर नहीं रख पाता और अक्सर अपमानित महसूस करता है।SURYA GRAH SHANTI UPAY
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से खराब सूर्य आँखों की समस्या, सिरदर्द, हृदय रोग और रक्तचाप से संबंधित परेशानियाँ देता है। व्यक्ति के जीवन में स्थिरता का अभाव रहता है और मेहनत करने के बाद भी इच्छित सफलता नहीं मिलती।
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सूर्य को सही करने के उपाय:SURYA GRAH SHANTI UPAY
सूर्य को मजबूत करने के लिए सबसे सरल और प्रभावी उपाय सुबह जल्दी उठकर सूर्य को अर्घ्य देना है। रविवार के दिन व्रत रखना और इस दिन नमक का त्याग करना भी अत्यंत लाभकारी होता है। रविवार को गुड़ और गेहूँ का दान करना चाहिए। इसके अलावा रोज़ाना आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना सूर्य को प्रसन्न करने का उत्तम उपाय माना जाता है। सूर्य की कृपा प्राप्त करने के लिए लाल कपड़े पहनना, तांबे के बर्तन का उपयोग करना और घर में तांबे का जलपात्र रखना भी लाभकारी है।
सूर्य मंत्र
सूर्य को प्रसन्न करने के लिए सबसे प्रभावी मंत्र है — “ॐ घृणि सूर्याय नमः”। इस मंत्र का जाप प्रतिदिन सूर्योदय के समय करना चाहिए। मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना श्रेष्ठ होता है। प्रतिदिन 108 बार इस मंत्र का जाप करने से सूर्य की नकारात्मकता दूर होती है और व्यक्ति को आत्मविश्वास, सफलता और ऊर्जा प्राप्त होती है। मंत्र जाप हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए और इसे करते समय मन को एकाग्र और शांत रखना चाहिए।SURYA GRAH SHANTI UPAY
सूर्य को अर्घ्य कैसे दें?
सूर्य को अर्घ्य देने की विधि बेहद सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली है। प्रातःकाल सूर्योदय के समय स्नान कर स्वच्छ लाल या पीले वस्त्र धारण करें। तांबे के लोटे में स्वच्छ जल भरें और उसमें थोड़ी रोली, लाल पुष्प, अक्षत और गुड़ डालें। इसके बाद दोनों हाथों से लोटा उठाकर सूर्य देव की ओर मुख करके धीरे-धीरे जल अर्पित करें।
अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र या गायत्री मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। जल इस प्रकार अर्पित करें कि सूर्य की किरणें जल की धारा से होकर आपकी आँखों तक पहुँचें। यह प्रक्रिया न केवल आध्यात्मिक रूप से बल देती है बल्कि शरीर और मन को भी ऊर्जावान बनाती है।SURYA GRAH SHANTI UPAY
सूर्य के लिए रुद्राक्ष
सूर्य ग्रह को प्रसन्न करने के लिए 12 मुखी रुद्राक्ष को सबसे प्रभावी माना गया है। इसे भगवान सूर्य का प्रतीक कहा जाता है। इस रुद्राक्ष को रविवार के दिन प्रातः स्नान करके, स्वच्छ पीले या लाल वस्त्र धारण कर, सूर्य देव की उपासना के बाद धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने से पहले “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।SURYA GRAH SHANTI UPAY
इसे सोने या तांबे की चेन में गले में पहनना शुभ माना गया है। 12 मुखी रुद्राक्ष पहनने से आत्मविश्वास बढ़ता है, नेत्र रोग दूर होते हैं और सरकारी कार्यों में सफलता मिलती है।
निष्कर्ष:SURYA GRAH SHANTI UPAY
सूर्य वैदिक ज्योतिष में आत्मा, आत्मबल और सफलता का ग्रह है। यदि यह अशुभ स्थिति में हो तो जीवन में संघर्ष, असफलता और अपमान की स्थितियाँ बढ़ सकती हैं। लेकिन उचित उपायों, मंत्र जाप, अर्घ्य देने और रुद्राक्ष धारण करने से सूर्य की स्थिति सुधारी जा सकती है। जब सूर्य मजबूत होता है तो व्यक्ति को आत्मबल, स्वास्थ्य, सम्मान और सफलता सहज ही प्राप्त होने लगती है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने सूर्य को मजबूत करने के उपाय अवश्य करने चाहिए।
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Frequently Asked Questions (FAQ)
Q1. सूर्य कब अशुभ फल देता है?
👉 जब सूर्य छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो, या नीच राशि तुला में स्थित हो। इसके अलावा जब सूर्य शनि, राहु या केतु से प्रभावित होता है, तब भी अशुभ फल देता है।
Q2. सूर्य के खराब होने से जीवन पर क्या असर पड़ता है?
👉 सूर्य के कमजोर होने पर व्यक्ति का आत्मविश्वास घटता है, पिता से संबंध खराब होते हैं, सरकारी कार्यों में अड़चनें आती हैं और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें (आँखों, हृदय और रक्तचाप) बढ़ सकती हैं।
Q3. सूर्य देव को अर्घ्य कैसे देना चाहिए?
👉 प्रातः सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल, रोली, अक्षत और लाल पुष्प डालकर सूर्य की ओर मुख करके धीरे-धीरे जल अर्पित करें और मंत्र जाप करें।
Q4. सूर्य मंत्र कौन सा है और इसे कब जपना चाहिए?
👉 सबसे प्रभावी मंत्र है — “ॐ घृणि सूर्याय नमः”। इसका जप प्रतिदिन सूर्योदय के समय 108 बार करना चाहिए।
Q5. सूर्य को प्रसन्न करने के लिए कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए?
👉 12 मुखी रुद्राक्ष सूर्य ग्रह के लिए सर्वोत्तम माना गया है। इसे रविवार के दिन पूजा के बाद धारण करना चाहिए।
Disclaimer (अस्वीकरण)
यह लेख केवल ज्योतिषीय ज्ञान और सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें बताए गए मंत्र, उपाय और रुद्राक्ष धारण करने की विधि का वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले योग्य ज्योतिषी या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए हमेशा योग्य चिकित्सक की सलाह लें।
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